बदायूं: हत्या करके शव छिपाने के दो दोषियों को आजीवन कारावास, 30-30 हजार का जुर्माना भी लगाया

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Published By Vivek Sagar
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बदायूं, अमृत विचार। युवक की हत्या करके शव छिपाने के 16 साल पुराने मामले में आरोपियों को दोषी माना गया है। त्वरित न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश मिर्जा जीनत ने दो दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना उघैती क्षेत्र के गांव रियोनाई दलाई निवासी नेत सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि 24 फरवरी 2008 को उनका 24 साल का भाई ओमपाल गांव में आयोजित हो रही नौटंकी देखने के लिए गया था। जिसके बाद वह वापस घर नहीं लौटा। इधर-उधर तलाश करने के बाद भी उसका कहीं पता नहीं चला।

पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की थी और युवक की तलाश चल रही थी। पुलिस को पता चला कि गांव निवासी पप्पू उर्फ हरिशंकर और गंगा सहाय ने ओमपाल की हत्या कर दी है और शव को कहीं छिपा दिया है। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर शव बरामद किया। न्यायालय ने इस मामले में रामादेवी और नन्हीं को तलब करके अभियुक्त बनाया था। लेकिन साक्ष्यों के अभाव में रामादेवी और नन्हीं को बरी कर दिया गया।

विवेचना के बाद पुलिस ने पप्पू उर्फ हरिशंकर के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। कोर्ट ने गंगा सहाय को धारा 319 सीआरपीसी के अंतर्गत तलब किया। तब से मामला न्यायालय में चल रहा था। शुक्रवार को न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया। एडीजीसी ओमपाल कश्यप और बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद दोनों दोषियों को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है।

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