Unnao News: गंगाघाट कोतवाली में एक साल में समाधान दिवस में आई 234 शिकायतें...महज 25 निस्तारित
निस्तारण न होने से समाधान दिवस के चक्कर लगाकर फरियादियों की घिसी चप्पलें
उन्नाव, (अमन सक्सेना)। शासन के निर्देश पर प्रत्येक माह सप्ताह के दूसरे और चौथे शनिवार को गंगाघाट कोतवाली में समाधान दिवस का आयोजन किया जाता है। समाधान दिवस में फरियादी बड़ी उम्मीद से पहुंचते हैं कि उन्हें मौजूद दिवसाधिकारी न्याय देते हुए उनके मामले का निस्तारण करेंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ, जिसका नतीजा है कि एक साल के भीतर गंगाघाट कोतवाली में लगभग 234 शिकायतें आई।
जिसमें महज 25 का ही निस्तारण हो सका। ऐसे में जिले के अधिकारी शासन की मंशा पर पानी फेर रहे है। जिस कारण फरियादियों को न्याय के लिये भटकना पड़ रहा है।
कोतवाली में समाधान दिवस में जिलाधिकारी, एसपी से लेकर अन्य अधिकारी फरियादियों की फरियाद सुनने के लिये पहुंचते हैं और मौजूद अधिकारियों के आगे पीड़ित अपने राजस्व और पुलिस से संबंधित मामलों का प्रार्थनापत्र देते है।
मौजूद अधिकारी सरसरी नजर से खानापूर्ति करते हुए प्रार्थनापत्र को देखते तो हैं लेकिन मौके पर उसका निस्तारण करने में अक्षम साबित होते है। मौजूद लेखपाल, दारागाओं को निस्तारण के लिए सौंपने के बाद अपना पल्ला झाड़ते हुए मेहमान नवाजी कराने के बाद दोबारा मुख्यालय की ओर रवाना हो जाते है।
ऐसे में फरियादी को न्याय नहीं मिलता हैं और इसके बाद फिर अगला समाधान दिवस आता है, फरियादी दोबारा उसी उम्मीद के साथ पहुंचते हैं और उन्हें बार-बार इसी प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ता है। अंत में वे थक-हार कर नेताओं के पास दौड़ने लगते है, वहां से भी जब न्याय नहीं मिलता तो वे निराश होकर अपनी हार मान घर बैठ जाते हैं और सरकार को कोसते है।
वहीं यदि किसी मामले को अधिकारियों ने संज्ञान में ले भी लेते हैं तो निस्तारण के लिये मातहतों को निर्देश देते हैं लेकिन अदने से कर्मचारी खुद को अधिकारी मानते हुये फरियादी को ही गलत साबित करने के बाद गोल मटोल जबाव देकर मामले का निस्तारण कर देते हैं।
यह अधिकारी सुन चुके हैं समस्याएं
गंगाघाट में समाधान दिवस में एक साल के भीतर जिलाधिकारी, एसपी, एडीएम, एएसपी, एडीएम न्यायिक, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूगो, लेखपाल, इंस्पेक्टर, क्राइम इंस्पेक्टर समस्याएं सुन चुके हैं। इसके बावजूद 234 शिकायतों में महज 25 का निस्तारण हो सका है।
फरियादियों की घिसी चप्पल नहीं मिला न्याय
हर बार समाधान दिवस में ऐसे फरियादी पहुंचते हैं, जिसमें अधिकांश फरियादी हर समाधान में आते है, इतने चक्कर लगाने के बाद उनकी चप्पलें तक घिस गई लेकिन न्याय नहीं मिला। जिससे समाधान दिवस दिनों दिन मखौल बनता जा रहा है।
राजस्व के मामलों में लंबा खेल
गंगाघाट के भूमाफिया राजस्व कर्मियों से सांठ गांठ कर लोगों की जमीनों पर कब्जा कर लेते हैं, जब पीड़ित अपनी फरियाद लेकर पहुंचते हैं तो राजस्व कर्मी उनको ही गलत बता देते हैं। इसी का नतीजा है कि समाधान दिवस में आई शिकायतों का समाधान नहीं हो पाता है।
