Sambhal News: नो टेंशन...पापा मैं हूं ना! शिल्पी ने लिवर डोनेट कर पिता को दिया जीवनदान, पेश की अद्भुत मिसाल

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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संजीव वार्ष्णेय, गुन्नौर। गुन्नौर की शिल्पी न सिर्फ समाज बल्कि दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनकर उभरी हैं। उसने अपने पिता की जिंदगी बचाने के लिए बगैर हिचकिचाहट अपना लिवर डोनेट कर दिया। गुन्नौर की बेटी शिल्पी के साहस और हौसले की चर्चा सबकी जुबान पर है। पिता अशोक का कहना है- मुझे अपनी बेटी पर गर्व है।

नगर पंचायत गुन्नौर के 49 वर्षीय लिपिक अशोक कुमार को वर्ष 2017 में उदर संबंधित बीमारी के चलते लिवर सिरोसिस हो गया था। अशोक पिछले सात सालों से लिवर की बीमारी से जूझ रहे थे। जिसके चलते उनका वजन घट रहा था और हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही थी। डॉक्टरों ने उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी। 

चिकित्सकों का कहना था कि अशोक को लिवर का हिस्सा जल्द प्रत्यारोपित नहीं किया गया तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। कहा गया कि लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा और दूसरा उपचार संभव नहीं है। तब 21 वर्षीय बेटी शिल्पी से पिता की हालत देखी नहीं गई। उसने पिता को लीवर डोनेट करने का फैसला किया। पिता अशोक का पूरा ट्रीटमेंट दिल्ली के प्रसिद्ध सर गंगाराम हॉस्पिटल में कराया गया। 

अस्पताल के चिकित्सकीय बोर्ड ने शिल्पी की स्वास्थ्य जांच के बाद पाया कि वह अपने बीमार पिता को लिवर का हिस्सा दान कर सकती है। लिवर प्रत्यारोपित करने वाले डॉ. उशास्त धीर का कहना है कि शिल्पी के लिवर का आधा भाग लिया गया है। दोनों पिता- पुत्री का जीवन सुचारू रूप से चलता रहेगा। अशोक की सर्जरी 30 जुलाई को हुई है। दोनों को अभी ऑब्जर्वेशन के लिए आईसीयू में रखा गया है। एक पखवाड़े बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

भाई को मना कर खुद दिया लिवर

नगर पंचायत में लिपिक अशोक के 4 बच्चे हैं। इनमें दो बेटा और दो बेटियां हैं। शिल्पी से बड़ा भाई राहुल ही विवाहित है। उसने भी पिता को लिवर डोनेट करने की इच्छा जताई थी लेकिन शिल्पी जिद पर अड़ गई। शिल्पी अभी मुरादाबाद की आईएफटीएम यूनिवर्सिटी में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा है।

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