UP NEWS:13 घंटे स्ट्रेचर पर तड़पती रही महिला, नहीं मिला वेंटिलेटर, मौत
परिजन ने लोहिया संस्थान के डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही बरतने का आरोप
लखनऊ, अमृत विचार : लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में वेंटिलेटर के इंतजार में महिला मरीज करीब 13 घंटे स्ट्रेचर पर तड़पती रही। परेशान परिजन उसे एंबु बैग से सांसे देते रहे, लेकिन हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से उसे वेंटिलेटर नहीं दिया गया। वेंटिलेटर नहीं मिलने से मरीज की जान चली गई। परिजन ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। समय से इलाज न मिलने की वजह से महिला की मौत हो गई।
डॉक्टर की बड़ी लापरवाही
सीतापुर जिले के थाना सकरन धनपुरिया गांव की अनीता (35) की पिछले माह निजी अस्पताल में डिलवरी हुई थी। प्रसव बाद उसकी हालत बिगड़ने थी। परिजनों ने 25 जुलाई को बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया था। सांस लेने दिक्कत के साथ बुखार और शरीर में दर्द होने लगा। शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे हालत गंभीर हो गई। वेंटिलेटर की जरूरत थी। बलरामपुर अस्पताल में वेंटिलेटर फुल होने पर हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। परिजन लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में ले गए, वहां पर पहले डॉक्टरों ने भर्ती करने में आनाकानी की। डॉक्टर बोले मरीज ले जाओ वरना हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
परिजन ने काफी मिन्नतें की, तो इमरजेंसी ओपीडी में स्ट्रेचर पर भर्ती कर लिया। करीब 13 घंटे बाद महिला को वेंटीलेटर सपोर्ट पर शिफ्ट करने की तैयारी हो रही थी, तभी 1:45 बजे उसने दम तोड़ दिया। भाई शिव गोविंद ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है।
मरीज को एंबुबैग लगाकर रेफर कर दिया गया। अस्पताल प्रशासन को रेफर करने से पहले वेंटिलेटर खाली है या नहीं इसकी जानकारी जरूर लेनी चाहिए थी। फिलहाल पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।
- डॉ. भुवन तिवारी, प्रवक्ता लोहिया संस्थान
