Kanpur News: CSJMU में अंक तालिका संशोधन की जांच...ऐसे हुआ था मामले का खुलासा

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Published By Nitesh Mishra
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बीते दो से तीन माह में आए मामलों की सघन पड़ताल का फैसला

कानपुर, अमृत विचार। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में पिछले दो या तीन महीनों में अंक बढ़ाने वाले मामलों की जांच होगी। इसमें उन मामलों की पड़ताल की जाएगी, जिनमें  अंकों को बढ़ाया गया है। हाल में विश्वविद्यालय में अंक बढ़ाने वाले गिरोह का खुलासा होने के बाद यह निर्णय लिया गया है। गुरुवार को एक कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है।  

सीएसजेएमयू में फेल छात्रों को पास करने के सिंडीकेट का खुलासा होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है।  दो से तीन महीनों की ऐसी अंकतालिकाएं जिनमें अंकों को बढ़ाया गया है, उनकी जांच के आदेश दिए गए हैं। कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि अंकतालिकाओं में हेरफेर बेहद ही गंभीर मामला है। 

दो से तीन माह के अंदर जिन छात्र-छात्राओं के नंबर बढ़े है, उनकी फाइलों की जांच दोबारा कराई जाएगी। विश्वविद्यालय में सक्रिय अंक बढ़ाने वाले गिरोह का खुलासा होने के बाद गुरुवार को  कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने कल्याणपुर थाने में एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। विश्वविद्यालय स्तर पर भी मामले की जांच की जा रही है। 

ऐसे हुआ था मामले का खुलासा

विश्वविद्यालय के छात्र सहायता प्रकोष्ठ में छात्रों से संबंधित 1968 से 2020 तक के गोपनीय रिकॉर्ड डिजिटल और दस्तावेज के रूप में रखे हुए हैं। इस डेटा के जरिए ही डिग्री, माइग्रेशन, प्रमाण पत्र और अंकपत्र जारी किए जाते हैं। 27 जुलाई को रिकॉर्ड रूम में एक लिफाफा पड़ा मिला था। इसे खोलकर देखा तो उसमें अंक पत्रों के मूल रिकॉर्ड (सारणीयन पंजिका) से फाड़े गए मूल दस्तावेज थे। विभागीय अफसरों ने मामले की जांच की तो पाया कि छात्र नेहाल हुसैन रिजवी बीएससी फाइनल में फेल हो गया था, लेकिन उसके फेल वाले दस्तावेज को हटाकर पास वाला दस्तावेज मूल पत्रों में अटैच कर दिया गया था, जबकि रिजल्ट अपडेशन मॉड्यूल में वह फेल था।

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