Fatehpur: UP ATS कोर्ट में दोषी ठहराए गया मौलाना उमर गौतम...दिल्ली में इस्लामिक सेंटर बनाने के बाद शुरू किया धर्मांतरण का खेल
सदर कोतवाली में भी दर्ज है धर्म परिवर्तन का मामला
फतेहपुर, अमृत विचार। अवैध धर्मांतरण के मामले में मौलाना उमर गौतम व कलीम सिद्धिकी समेत 14 आरोपियों को बुधवार को एनआईए-एटीएस कोर्ट ने सजा सुनाई है। इन्हें मंगलवार को कोर्ट ने अवैध धर्मांतरण समेत अन्य धाराओं में दोषी पाया था। वर्ष 2021 में गौतमबुद्ध नगर से एटीएस ने उमर गौतम को गिरफ्तार किया था।
शहर के लखनऊ बाईपास स्थित नूरुल हुदा स्कूल में मौलाना उमर गौतम वर्ष 2021 में आता-जाता था। जहां वह धर्म विशेष को लेकर जमकर बयानबाजी करता था। वहीं तैनात महिला शिक्षिका की शिकायत पर सदर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज हुई थी।
महिला शिक्षिका की तहरीर पर मोहम्मद उमर गौतम, स्कूल के प्रबंधक मौलाना उमर शरीफ हमाजरी और उसके बेटे मोहम्मद उमैर शरीफ के खिलाफ विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन और जान से मारने की धमकी का मुकदमा दर्ज हुआ था। महिला शिकायतकर्ता और स्कूल की शिक्षिका कल्पना सिंह ने स्कूल नूरूल हुदा में धर्म परिवर्तन करने के आरोप भी लगाए थे। उमर गौतम की संस्था इस्लामी दवा सेंटर को विदेश से फंडिंग मिलने की भी आशंका जताई गई थी।
रमवा का रहने वाला है उमर गौतम
मौलाना उमर गौतम मूल रूप से जनपद के राधानगर थाना क्षेत्र के रमवा गांव का रहने वाला है। जिसका 1964 में हिंदू राजपूत परिवार में जन्म हुआ था। तब उसका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम हुआ करता था। नैनीताल में पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात बिजनौर जिले के नासिर खान से हुई थी। नासिर की इस्लामिक किताबें पढ़ने के बाद श्याम ने 1984 इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था।
दिल्ली में इस्लामिक सेंटर बनाया, फिर शुरू किया धर्मांतरण
मौलाना उमर गौतम ने पढ़ाई खत्म करने के बाद देश दुनिया में इस्लाम पर व्याख्यान देना शुरू किया। इतना ही नहीं अपनी हिन्दू से मुस्लमान बनने की कहानी सुनाकर वह लोगों को भी इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए कहने लगा। धीरे-धीरे उसने इस्लामिक दावा सेंटर का गठन किया, जो दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस इलाके की नूह मस्जिद के पास है।
इस सेंटर के जरिए वो दूसरे धर्म के लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित करने का काम करने लगा। स्कूल की शिक्षिका ने मौलाना उमर गौतम के खिलाफ धर्म परिवर्तन करवाने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसके बाद यूपी एटीएस ने इस मामले में अपनी जांच शुरू करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया था।