प्रयागराज : किसान जनता पार्टी के नेता ने नामांकन पत्र खारिज किए जाने के आदेश को दी चुनौती

प्रयागराज : किसान जनता पार्टी के नेता ने नामांकन पत्र खारिज किए जाने के आदेश को दी चुनौती

अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में नामांकन पत्र अवैध ढंग से खारिज किए जाने के मामले में जनहित किसान पार्टी के नेता ने याचिका दाखिल की है। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के रहने वाले जेकेपी नेता विजय नंदन ने याचिका में तर्क दिया है कि जिला चुनाव अधिकारी ने उनके नामांकन पत्र को इस आधार पर खारिज कर दिया कि हलफनामे का कॉलम खाली छोड़ दिया गया है और कोई नया हलफनामा दाखिल भी नहीं किया गया था और ना ही शपथ कराई गई।

याची का दावा है कि चेकलिस्ट पर सभी दस्तावेज भारत के चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार संबंधित असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा ठीक से प्राप्त किए गए। रिटर्निंग ऑफिसर और असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर उम्मीदवार को शपथ दिलाने के लिए जिम्मेदार थे। याचिका में यह भी बताया गया है कि शपथ लेने के बाद रसीद की मोहर पर हस्ताक्षर करके उम्मीदवार को दिया जाना था। हालांकि ऐसा नहीं किया गया और उनके नामांकन पत्र को मनमाने ढंग से खारिज कर दिया गया। याची ने तर्क दिया कि अगर हलफनामे का कॉलम खाली छोड़ दिया गया तो यह रिटर्निंग ऑफिसर का कर्तव्य था कि वह गलती को सुधारे। लिपिकीय त्रुटि को दूर करने के बजाय रिटर्निंग ऑफिसर ने प्राकृतिक न्याय के नियमों का घोर उल्लंघन करते हुए याची की उम्मीदवारी को ही खारिज कर दिया, जिस कारण वह चुनाव नहीं लड़ सका।

अंत में याची ने हाईकोर्ट से यह गुहार लगाई कि सहायक रिटर्निग अधिकारी को चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार दंडित करना चाहिए, क्योंकि उन्होंने भारत के 140 करोड़ नागरिकों का भरोसा तोड़कर एक खास व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए सभी नियमों का उल्लंघन किया। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के विधायक अजय राय को 152,513 मतों से हराकर वाराणसी सीट पर जीत हासिल की। पीएम मोदी सहित सात उम्मीदवारों ने वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा था, क्योंकि डीईओ ने कुल 36 नामांकन पत्रों को खारिज कर दिया था।

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