लखनऊ के इस क्षेत्र में लगेंगे 88,800 पौधे, लगभग 2 करोड़ किए खर्च, वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की तैयारी
(गोपाल सिंह) लखनऊ, अमृत विचार: वायु प्रदूषण को दुरुस्त करने को लेकर राजधानी में नगर निगम तरीके से चरणवार अपने कदम आगे बढ़ा रहा है। कान्हा उपवन के बाद इस बार कुर्सी रोड के रसूलपुर कायस्थ इलाके में मियावाकी पद्धति से हरियाली रोप इलाके को हरा-भरा कर चुका है। 88,800 पौधे आगामी तीन वर्षों में सघन वन में ढल चुके होंगे। 12.5 एकड़ में फैली यह हरियाली कुर्सी रोड की ऑक्सीजन बढ़ाएगी। हरियाली बढ़ेगी तो वायु गुणवत्ता में सुधार और प्रदूषण ग्राफ में गिरावट आना तय माना जा रहा है।
नगर निगम के उद्यान विभाग की ओर से मियावाकी पद्धति से यह सघन वन विकसित किया जा रहा है। यहां विभिन्न किस्मों के पौधे लगा दिए गए हैं। इस विकसित होने वाले वन में फलदार, औषधीय, टिम्बर, फूल और झाड़ीदार पौधों को शामिल किया गया है। इस पर लगभग 2 करोड़ रुपये खर्च आया है। एक वर्ष में सघन वन विकसित हो जाएगा। इसके बाद लोग हरियाली के बीच यहां टहलकर अपना ऑक्सीजन स्तर बढ़ा सकेंगे।
3 वर्षों में वन पूरी तरह हो जाते हैं विकसित
सामान्य पौधे को विकसित होने में लगभग 10 वर्ष लगते हैं, लेकिन मियावाकी पद्धति से लगाए गए पौधे 3 वर्षों में पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं। इस पद्धति से कम क्षेत्र में सघन वन तेजी से विकसित किए जा सकते हैं। मियावाकी पद्धति में खुदाई कर मिट्टी की कई लेयर बनाई जाती है। जिससे जड़ और पौधे दोनों तेजी से बढ़ते हैं।
ये पौधे करेंगे वातावरण को शुद्ध
मियावाकी पद्धति से रसूलपुर कायस्थ गांव में नगर निगम ने फलदार, औषधीय, फूल, टिम्बर और झाड़ीदार पौधे लगाए हैं। फलदार पौधों में जामुन, आम, अमरूद, बेर, टिम्बर वाले पौधों में शीशम और सागौन, फूल वाले पौधों में कनेर, सौनी, गुड़हल, चांदनी और हिना, औषधीय पौधों में सहजन, लेमन ग्रास, तुलसी, सर्पगंधा, गिलोय आदि पौधे शामिल हैं।
5 लाख की आबादी को होगा फायदा
कुर्सी रोड क्षेत्र की लगभग 5 लाख की आबादी को विकसित किए जा रहे सघन वन से फायदा होगा। एक वर्ष में पौधे विकसित हो जाने के बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। लोग यहां सुबह-शाम हरियाली के बीच टहलने का आनंद ले सकेंगे। बैठने के लिए पार्क में हरी घास, बेंच लगाई जाएगी। साथ ही टहलने के लिए ट्रैक भी विकसित किए जाएंगे।
मियावाकी पद्धति से कुर्सी रोड के रसूलपुर कायस्थ में नगर निगम ने कुल 88,800 पौधे लगाए हैं। 1 वर्ष में पौधे विकसित हो जाएंगे। इसके बाद इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। वन विकसित होने से हरियाली बढ़ेगी और वायु गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
गंगाराम गौतम, उद्यान अधीक्षक, लखनऊ नगर निगम
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