उन्नाव में दीपावली नजदीक आते ही सजने लगी जुआ की फड़...हर रोज लग रह लाखों के दांव, जिम्मेदार अनजान
शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में फड़ों पर लग रहे हजारों-लाखों के दांव
उन्नाव, अमृत विचार। दीपावली का पर्व जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे जुआरियों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। हालत यह कि शहर से लेकर गांव तक खुलेआम जुआं हो रहा है। ताश के पत्तों पर हजारों-लाखों के दांव लगा लोग अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
भाग्य के इस मोहजाल भरे खेल में सैकड़ों परिवार तबाही का शिकार हो चुके हैं। इसमें शहर के साथ गांव के युवा भी जुआं के लती हो रहे हैं। लेकिन, इस ओर से संबंधित क्षेत्र की पुलिस अनजान बनी हुई है। सूत्र बताते हैं कि फड़ संचालित कराने वालों का पुलिस से गठजोड़ रहता है इसके चलते कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
प्रकाश के पर्व दीपावली पर लोग अपने घरों, दुकानों व प्रतिष्ठानों को सजाने का काम करते हैं। वहीं, दूसरी ओर जुआं के फड़ संचालन करने वाले व बुक माफियाओं ने भी अपने फड़ सजाने शुरू कर दिये हैं। इस समय जिले के कई थानाक्षेत्र में शहरी क्षेत्र के अलावा गावों में धड़ल्ले से ताश के पत्तों पर जुआं के फड़ सुबह से रात तक चल रहे हैं।
त्योहारों पर कानून व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराने में पुलिस की व्यस्तता बढ़ गई है। आरोप है कि पुलिस इस बारे में सब कुछ जानकर भी बेखबर बनी हुई है। वहीं सूत्र बताते हैं कि क्षेत्र में जुआं खेलने की खुली छूट देना पुलिस के लिये कमाई का जरिया बना हुआ है। इससे छात्र तक इसके लती होकर घर परिवार के लोगों में कलह का कारण बने हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि नशा करने के बाद जुंआरी आपस में बवाल करते हैं।
वहीं, जुआं में रुपये हारने के बाद वे क्षेत्र के घरों व दुकानों में चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। सदर, दही, अचलगंज व पुरवा थानाक्षेत्र के बिछिया व तौरा आदि क्षेत्रों में खुलेआम दिनरात धड़ल्ले से जुंआरी दांव लगाकर पुलिस के लिए चुनौती बने हैं। वहीं पुलिस मिलीभगत होने से ऐसे लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। जिससे जिले में चोरी, लूट, हत्या व मारपीट जैसे अपराध भी बढ़े हैं। जिन पर अंकुश लगा पाना पुलिस के लिए मुश्किल हो रहा है।
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