इस दिवाली... जानवरों का भी रखें ख्याल, पटाखों का शोर पशु-पक्षियों के लिए खतरनाक

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Published By Muskan Dixit
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पशु चिकित्सकों ने कम आवाज वाले पटाखे जलाने की अपील की

लखनऊ, अमृत विचार: पटाखों की तेज आवाज इंसान के आसपास रहने वाले जानवरों के लिए घातक साबित होती हैं। पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण से कुत्ते, बिल्ली और गाय जैसे जानवर हादसे के शिकार हो जाते हैं। मानसिक तौर पर बुरा असर पड़ता है। सुनने व देखने व देखने की क्षमता खो देते हैं। पशु चिकित्सकों ने लोगों से कम आवाज वाले पटाखों का इस्तेमाल करने की अपील की है।

पशु चिकित्सक प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जैसे-जैसे दिवाली करीब आती है, लोग पटाखे फोड़ने लगते हैं। लोगों को तेज आवाज वाले पटाखे ज्यादा लुभाते हैं जबकि यही पटाखे कुत्ते, बिल्ली और गाय जैसे जानवरों के लिए घातक साबित होते हैं। ये पटाखों की तेज आवाज से डर जाते हैं और इधर उधर भागने लगते हैं। इससे कई गंभीर हादसे का शिकार हो जाते हैं। कई तो रास्ता भटक जाते हैं। पटाखों की तेज रोशनी से नजर में भी दिक्कत आती है। आंखों में में जलन भी होने लगती है। कई सुनने की क्षमता खो देते हैं। मानसिक तौर पर बीमार हो जाते हैं। दिवाली पर ऐसे कई जानवरों को इलाज के लिए क्लीनिक लाया जाता है।

ध्वनि का प्रभाव
डॉ. प्रमोद के मुताबिक हाई डेसिबल वाले पटाखों की आवाज के कारण जानवरों में तनाव, डर और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कुछ मामलों में तो पक्षियों की मृत्यु भी हो जाती है। ऐसे हालात में जानवरों से दूर कम आवाज वाले पटाखे फोड़ने चाहिए। उन्होंने बताया कि बाजारों में 120 डेसीबल से अधिक के पटाखे आ रहे हैं। इंसानों को भी तेज आवाज वाले पटाखे पसंद होते हैं। जबकि, लगातार 90 डिसेबल से अधिक आवाज आने से जानवर खासकर कुत्ते सुनने की क्षमता खो देते हैं।

ये करें उपाय

-जानवरों के कान में कॉटन लगा दें।
- शाम से पहले उन्हें खाना खिला दें।
- पालतू कुत्तों को घर के अंदर ही रखें।
-घर के बाहर या घर पर बिना देखरेख के न छोड़ें।
- शांत स्थान पर रखें।
- पटाखों की आवाज से डरने पर परेशान न करें, ध्यान भटकाएं।

न करें अमानवीय व्यवहार, जा सकते हैं जेल
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. सुरेश कुमार ने बताया समाज में कुछ अमानवीय लोग अपनी थोड़ी-सी खुशी के लिए जानवरों और पक्षियों के जीवन के साथ छेड़छाड़ करते हैं। जिसमें छोटे से लेकर बड़े सभी लोग अपनी खुशी के लिए कुत्तों, गायों, भैंसों या अन्य जानवरों के पास जाकर पटाखे जलाते हैं या उनके ऊपर पटाखे फोड़ते हैं। जिसके कारण सोया हुआ या बैठा हुआ जानवर घबरा कर भागने लगता है। इससे कभी-कभी सड़क दुर्घटनाओं का शिकार भी होता है या वह गंभीर रूप से जल जाता है। उन्होंने बताया ऐसा करना पशु क्रूरता अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसा करते पकड़े जानें पर कानूनी कार्रवाई की जाती है। जेल भी हो सकती है।

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