प्रतापगढ़: डॉ.विशाखा त्रिपाठी के निधन पर भक्ति धाम में तीन दिन का शोक 

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Published By Virendra Pandey
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प्रतापगढ़, अमृत विचार। डॉ.विशाखा त्रिपाठी के निधन के बाद कृपालु भक्ति धाम मनगढ़ में तीन दिन तक का शोक घोषित किया गया है। डॉ. विशाखा का अंतिम संस्कार वृंदावन में किया जाएगा।

दरअसल, जगद्गुरू कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा की सड़क हादसे में मौत हो गई। जबकि दो बेटियों को गम्भीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौत की खबर सुनकर कृपालु परिषत में सभी शोक में डूबे हैं। 

कृपालु महाराज की भी 15 साल पहले हादसे में हुई थी मौत

लगभग 15 साल पहले जगद्गुरू कृपालु महाराज की भी एक हादसे में ही मौत हुई थी। 15 नवंबर 2013 को 91 वर्ष की उम्र में कृपालु जी महाराज ने अंतिम सांस ली थी। प्रतापगढ़ के आश्रम में फिसलने के कारण उनके सिर में चोट आई थी, जिसके बाद वे कोमा में चले गए थे। इसके बाद उन्हें गुड़गांव के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया। देश में कई जगद्गुरु हुए लेकिन जगद्गुरुत्तम की उपाधि केवल कृपालु जी महाराज को ही मिली है। जगद्गुरु कृपालु जी महाराज पहले ऐसे गुरु हैं, जिनका कोई शिष्य नहीं है, लेकिन लाखों अनुयायी हैं।

कृपालु जी के परिवार के बारे में जानकारी

कृपालु जी महाराज का जन्म 06 अक्टूबर 1922 को प्रतापगढ़ के मनगढ़ में हुआ था। कृपालु महाराज शुरूआती पढ़ाई करने के बाद मध्य प्रदेश चले गए। 14 वर्ष की आयु में इन्होंने तृप्त ज्ञान को प्राप्त कर लिया। इसके बाद इनका विवाह हो गया और गृहस्थ जीवन बिताने लगे। कृपालु जी महाराज की पांच संतान हैं, जिसमें दो बेटे घनश्याम, बालकृष्ण त्रिपाठी और तीन बेटियां विशाखा, श्यामा और कृष्णा हैं। हादसे में विशाखा की मौत हो गई। दो अन्य बेटियां घायल हैं।

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