पीलीभीत: नेपाली हाथी किशनपुर रेंज की तरफ हुए रवाना तो आई जान में जान...

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Published By Pradeep Kumar
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फिलहाल टली मुसीबत, कई दिन से जमाए थे डेरा 

पीलीभीत, अमृत विचार। पीलीभीत टाइगर रिजर्व की हरीपुर रेंज में घूम रहे दो नेपाली हाथियों के किशनपुर रेंज में जाने के संकेत मिले हैं। निगरानी में लगे वनकर्मियों द्वारा पगमार्कों के आधार पर दी गई सूचना के बाद अफसरों ने इस बात की पुष्टि की है। फिलहाल कहीं नेपाली हाथी पुन: हरीपुर रेंज में दस्तक न दे दें, लिहाजा रेंज कर्मियों को चिन्हित स्थानों पर गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

नेपाल की शुक्ला फांटा सेंचुरी खुली सीमा होने के चलते पीलीभीत टाइगर रिजर्व से सटी हुई है। शुक्ला फांटा सेंचुरी से आए दिन नेपाली हाथी पीलीभीत टाइगर रिजर्व समेत जिले में दस्तक देते रहते हैं। यहां आने के बाद नेपाली हाथी कृषि फसलों समेत जंगल सीमा से सटे क्षेत्रों में रहने वालों की झोपड़ियां आदि उजाड़ देते हैं। वनकर्मियों के पास इन नेपाली हाथियों को खदेड़ने के अलावा कोई चारा नहीं होता है। इधर पिछले माह भी नेपाल से दो हाथी शारदा नदी पार करते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व की हरीपुर रेंज में आ धमके थे। बताते हैं कि उसके बाद यह दोनों हाथी मोहम्मदी क्षेत्र में चले गए थे। हाथियों के चले जाने के बाद वनकर्मियों ने राहत की सांस ली थी। इधर बीते बुधवार रात भीरा रेंज से होते हुए दोनों नेपाली हाथी पुन: हरीपुर रेंज के ढक्काचांट में पहुंच गए। सूचना मिलते ही रेंज में हड़कंप मच गया। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई। डिप्टी डायरेक्टर ने रेंज स्टाफ को लगातार हाथियों की निगरानी करने के निर्देश दिए थे। बुधवार रात से शुक्रवार सुबह तक दोनों नेपाली हाथी हरीपुर रेंज में ही इधर से उधर घूमते देखे गए थे। एक दिन पूर्व हाथियों के चूका नाला के पास लोकेशन मिली थी। हालांकि शनिवार सुबह से निगरानी में जुटी टीम को दोनों हाथियों की कोई लोकेशन नहीं मिल सकी थी। फिलहाल इन हाथियों के पगमार्क के आधार पर किशनपुर रेंज की ओर जाने के संकेत मिले हैं। इसकी सूचना रेंज द्वारा उच्चाधिकारियों को दी गई है। हाथियों के चले जाने के बाद भी उच्चाधिकारियों के निर्देश पर गश्त जारी है, ताकि कहीं हाथी पुन: जंगल क्षेत्र में न आ जाएं।

पांच साल पहले पीलीभीत से रामपुर तक पहुंच गए थे हाथी
करीब पांच साल पूर्व नेपाल से आए दो हाथी पीलीभीत, बरेली होते हुए रामपुर तक पहुंच गए थे। 18 दिन तक उन्मादी हाथियों ने चार लोगों की जान लेने के साथ करीब आधा दर्जन लोगों को घायल कर कर दिया था। उस दौरान हाथियों ने उत्तराखंड, रामपुर, बरेली, बदायूं आदि के अफसरों को जमकर छकाया था। बाद में इन दोनों नेपाली हाथियों को थाना मिलक के एक जंगल में बेहोश कर पकड़ा गया था और उसके बाद नेपाल सीमा के समीप छोड़ा गया था।

जानिए क्या बोले वन विभाग के अफसर
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि दोनों हाथियों की लगातार निगरानी की जा रही थी।  दोनों हाथी रात किशनपुर रेंज की सीमा में चले गए हैं। हालांकि अभी हाथी नेपाल वापस नहीं गए हैं। दोबारा आने की आशंका पर टीम को गश्त करने के लिए निर्देशित किया गया है।

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