अयोध्या: राहुल गांधी के बयान पर डॉ. राम विलास वेदांती बोले- राहुल को तपस्या का ज्ञान नहीं

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Published By Deepak Mishra
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अयोध्या, अमृत विचार। राम मंदिर आंदोलन के वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती ने राहुल गांधी के बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि राहुल गांधी को तपस्या शब्द का सही अर्थ समझ नहीं आता। वेदांती ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने बयान में तपस्या को शरीर की गर्मी से जोड़ा, जबकि तपस्या का असली उद्देश्य शरीर की गर्मी को निकालना नहीं, बल्कि अहंकार और दंभ को दूर करके आत्मिक शांति प्राप्त करना है।

उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने भारतीय संस्कृति, विशेष रूप से सनातन धर्म, को ठीक से नहीं समझा है। वेदांती ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने केवल इटली की संस्कृति को पढ़ा है, जबकि उन्हें भारतीय धर्म और संस्कृति का गहरा ज्ञान नहीं है। तपस्या, साधना, और तप का अर्थ भारतीय संतों ने अपने जीवन में अनुभव किया है, और यह कष्ट सहन करने और भगवान की कृपा प्राप्त करने का एक माध्यम है।

वेदांती ने कहा कि राहुल गांधी को भारतीय संतों के बीच बैठकर तपस्या का वास्तविक अर्थ समझना चाहिए, क्योंकि उन्होंने कभी तपस्या का अनुभव नहीं किया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेई, लाल कृष्ण आडवाणी, डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी, और अशोक सिंघल जैसे नेताओं ने तपस्या की है और उन्हें ही इस कठिन साधना का सही अनुभव है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी का बयान तपस्या शब्द को प्रदूषित करने जैसा है, जो भारतीय संस्कृति और धार्मिकता के प्रति उनकी अपरिपक्व समझ को दर्शाता है।

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