Kanpur: ACP मोहसिन की IIT की फीस PhD छात्रा ने दी थी, SIT की पूछताछ में ये खुलासे हुए...

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Published By Nitesh Mishra
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आईआईटी प्रवेश पत्र के इमरजेंसी नंबर में छात्रा का ही मोबाइल नंबर दर्ज

कानपुर, अमृत विचार। एसीपी मोहसिन खान के यौन शोषण की शिकार पीएचडी छात्रा ने एसआईटी की पूछताछ में खुलासा किया कि आईआईटी में प्रवेश के लिए उसने ही मोहसिन खान की फीस भरी थी। मोहसिन के आईआईटी प्रवेश पत्र पर इमरजेंसी नंबर के रूप में छात्रा का ही मोबाइल नंबर दर्ज है। इन दोनों तथ्यों को एसआईटी टीम ने जांच रिपोर्ट में शामिल किया है।

एसआईटी प्रभारी अर्चना सिंह को छात्रा ने पूछताछ में बताया कि साइबर सेल और आईआईटी के सीथ्री आईहब की कार्यशाला के दौरान तत्कालीन डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने उसकी मुलाकात एसीपी मोहम्मद मोहसिन खान से कराई थी। इसके बाद मोहसिन ने उसे फोन किया और उसकी मदद से पीएचडी करने की बात कही। इस पर उसने पंजीकरण प्रक्रिया में एसीपी की मदद की और जरूरी दस्तावेज तैयार कराए। 

आईआईटी में प्रवेश शुल्क उसने अपने पास से जमा कराया। एडमिशन होने के बाद एसीपी ने आईआईटी के प्रवेश कार्ड में इमरजेंसी नंबर के रूप में उसका ही मोबाइल नंबर दर्ज कराया था। इस संबंध में आईआईटी मीडिया सेल का कहना है कि आमतौर पर इमरजेंसी नंबर में घरवालों का नंबर ही डाला जाता है, लेकिन मोहसिन खान ने पीएचडी छात्रा का नंबर दिया था। 

डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि एसआईटी की टीम ने शनिवार को पीड़ित छात्रा के साथ प्रोफसर, सिक्योरिटी गार्ड व छात्रों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए। टीम अब तक 20 से अधिक लोगों से पूछताछ कर  बयान दर्ज कर चुकी है। पुलिस ने छात्रा के हास्टल के बाहर, मेस, क्लास रूम समेत कई जगहों के सीसीटीवी फुटेज, हॉस्टल आने व जाने का एंट्री रजिस्टर देखा है और छात्रा के मोबाइल को अपने कब्जे में लिया है। 

एफआईआर से पहले एसीपी ने बनवाया मेडिकल

पुलिस सूत्रों के अनुसार एसीपी मोहसिन खान  कल्याणपुर थाना में रिपोर्ट दर्ज होने से तीन घंटे पहले दोपहर करीब 3 बजे हैलट अस्पताल पहुंचे थे और एक आर्थो डॉक्टर से स्पाइन डिसीज से संबंधित मेडिकल प्रमाणपत्र बनाने को कहा था। इसमें उन्होंने आगरा जिलाधिकारी कंपाउंड का पता लिखवाया था। इस पर डॉक्टर ने रीढ़ की हड्डी की बीमारी दिखाते हुए उन्हें हैलट रेफर कर दिया।

आईआईटी के ट्रांसलेटर ने हिंदी में की तहरीर 

एसआईटी की पूछताछ में पता चला कि पीड़ित पीएचडी छात्रा ने पुलिस को अंग्रेजी में तहरीर दी थी। जिसका हिंदी अनुवाग आईआईटी के एक ट्रांसलेटर ने किया था। टीम ने उस ट्रांसलेटर से के बयान दर्ज किए हैं।

मजिस्ट्रेटी बयान सोमवार को, गिरफ्तारी की तलवार 

लोकपाल सुनवाई के चलते शनिवार को पीएचडी छात्रा के मजिस्ट्रेटी बयान नहीं हो सके। अब सोमवार को छात्रा का मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कराया जाएगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट और 161 के बयान जैसा यदि छात्रा ने मजिस्ट्रेट के सामने भी बयान दिया तो एसीपी मोहसिन खान की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

एसीपी के जानने वाले सक्रिय 

आईआईटी में कई छात्र और प्रोफेसर एसीपी के परिचित हैं, जो पीड़िता व एसीपी के रिश्ते को जानते थे। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मोहसिन के मिलने वाले ये लोग मामला निपटाने के प्रयास कर रहे हैं। हालांकि पीड़ित छात्रा का कहना है कि मैं डिप्रेशन में नहीं हूं, मुझे पता है मैं क्या कर रही हूं। स्काॅलरशिप से मिलने वाले रुपये से मोहसिन का खर्च तक उठाती थी। इसके बाद भी उसने ऐसा किया है।

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