पीलीभीत: लखनऊ से आई फॉरेंसिक टीम, आतंकियों से हुई मुठभेड़ का किया रीक्रिएशन

Amrit Vichar Network
Published By Pradeep Kumar
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पीलीभीत, अमृत विचार। गुरदासपुर पंजाब की पुलिस चौकी में हैंडग्रेनेड से हमला करने के आरोपी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों के पूरनपुर में पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने के बाद एक तरफ पुलिस अधिकारी और सुरक्षा एजेंसियां तराई में आतंकियों के नेटवर्क को लेकर जांच पड़ताल कर रही है। वहीं, मजिस्ट्रियल जांच भी चल रही है। इधर, अब लखनऊ से पूरनपुर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर पुलिस मुठभेड़ का रीक्रिएशन किया। जिसमें मुठभेड़ में शामिल रहे समस्त पुलिस अधिकारी और कर्मचारी शामिल किए गए। पूरे घटनाक्रम को उसी तरह से रीक्रिएट किया गया। इसी के आधार पर अब एक्सपर्ट अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। फॉरेंसिक टीम के एक्सपर्ट ने एसपी समेत अन्य अफसर और पुलिसकर्मियों से बारीकी से मुठभेड़ के बारे में जानकारी भी जुटाई।

बता दें कि 23 दिसंबर 2024 को पंजाब और पीलीभीत पुलिस की माधोटांडा रोड पर हरदोई ब्रांच नहर पट्टी के पास खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी।  इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी घायल हुए थे जबकि तीन आतंकी गुरदासपुर (पंजाब)  के थाना कलानोर क्षेत्र के ग्राम सहोरखुर्द निवासी प्रताप सिंह उर्फ जसनप्रीत सिंह (18) पुत्र स्वरूप सिंह,  गांव अगवान के निवासी वीरेंद्र उर्फ रवि (23) और कलानौर थाना क्षेत्र के ही मोहल्ला बाड़िया के निवासी गुरविंदर सिंह (25) की मौत हो गई थी। इन तीनों आतंकियों ने 18 दिसंबर को गुरदासपुर पंजाब की बख्शीवाल पुलिस  चौकी पर हैंडग्रेनेड से हमला किया था और फिर पूरनपुर आकर छिप गए थे। उनको ट्रेस करते हुए पंजाब पुलिस पूरनपुर पहुंची थी और इसकी जानकारी दी थी। एसपी अविनाश पांडेय ने मुठभेड़ की कमान संभाली थी और तीनों को पुलिस ने मार गिराया था। इधर, मुठभेड़ को लेकर फॉरेंसिक टीम भी शनिवार को लखनऊ से पूरनपुर पहुंची। फॉरेंसिक टीम लखनऊ के वरिष्ठ उपनिदेशक, बैलेस्टिक एक्सपर्ट, सहायक वैज्ञानिक, तकनीकी फोटोग्राफर घटनास्थल पर पहुंचे।  एसपी अविनाश पांडेय, पूरनपुर कोतवाल नरेश त्यागी समेत मुठभेड़ में शामिल रहे समस्त अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हुए।  इसके बाद घटनास्थल पर ही मुठभेड़ का रीक्रिएशन कराया गया।  खास बात रही कि इस दौरान ठीक उसी तरह की स्थिति बनाई गई, जोकि मुठभेड़ के दौरान रही। किस तरफ से पुलिस ने फायरिंग की और किस तरफ से आतंकी गोलियां बरसा रहे थे। इसका बखूबी रीक्रिएशन किया गया, ताकि उसी के आधार पर अब फॉरेंसिक एक्सपर्ट अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे।

दस लाख के इनामी आतंकी सिद्धू से जुड़े तार, चल रही छानबीन
मुठभेड़ के बाद जांच में ये भी सामने आया था कि तीनों आतंकियों फर्जी आईडी की मदद से पूरनपुर के होटल हरजी में रुके थे। उनकी मदद करने वाले एक अन्य आरोपी गजरौला जप्ती गांव निवासी जसपाल उर्फ सनी को भी पुलिस जेल भेज चुकी है। एटीएस, एसटीएफ, एनआईए की टीम भी पूरनपुर में कई दिन तक डेरा डाले रही। तराई में आतंकियों के नेटवर्क को लेकर छानबीन चल रही है। मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों के तार एनआईए के दस लाख के इनामी आतंकी सिद्धू से जुड़े थे। उसी ने तीनों को होटल में फर्जी आईडी पर ठहराने के लिए सनी को भेजा था। अभी भी पुलिस की टीमें इस पूरे मामले में गहनता से पड़ताल कर रही हैं।

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