कासगंज: महाकुंभ में कविता का मंच न सजने से साहित्यकारों में पीड़ा
By Vikas Babu
On

कासगंज, अमृत विचार: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान इस बार कविता का मंच न बनने और कवियों की उपेक्षा होने की बात कहकर पीड़ा व्यक्त की है। महाकवि संत तुलसीदास साहित्य संस्थान शूकर क्षेत्र के पदाधिकारियों ने महाकुंभ में साहित्य की रसधार के लिए कविता मंच को शामिल करने की बात कही है। संस्था के अध्यक्ष कवि विपिन शर्मा ने कहा कि वे शीघ्र ही इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे।
साहित्य और कविता किसी भी देश की आत्मा की पहचान होती हैं। भारत वर्ष तो साहित्य और कविता का देश है। कवियों को महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त होना चाहिए। कवियों की उपेक्षा और साहित्य के प्रति महाकुंभ आयोजकों पर उदासीनता ठीक नहीं है। महाकुंभ में लाखों रुपये खर्च करके फिल्मी गायकों और अन्य कलाकारों को आमंत्रित किया जा सकता है तो कवियों के लिए एक मंच प्रदान करना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी से भी मिलकर कवियों की पीड़ा रखेंगे- विपिन शर्मा, अध्यक्ष, महाकवि संत तुलसीदास साहित्य संस्थान शूकर क्षेत्र ।
महा कवि संत तुलसीदास साहित्य संस्थान प्रदेश की अहम साहित्यिक संस्था है, जिसकी प्रदेश के सभी जिलों में इकाइयां हैं। प्रदेश में बोली जाने वाली सभी भाषाओं के साहित्यकार इससे जुड़े हैं। संस्था के प्रयासों के फलस्वरूप संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बुजुर्ग साहित्यकारों के लिए पेंशन भी शुरू कराने की घोषणा की थी। साहित्यक रूप से कविता मंच को प्रयागराज महाकुंभ में स्थान मिलना चाहिए- डॉ. सरला शर्मा, अंतराष्ट्रीय कवियत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष, महाकवि संततुलसीदास साहित्य संस्थान शूकर क्षेत्र।
यह भी पढ़ें- कासगंज: पटियाली अलीगंज मार्ग पर ऑटो और ट्रैक्टर की भिड़ंत, एक की मौत, दो घायल