लखनऊ: 63 दिनों में 63 लाख रुपये खपाया, दो महीनों से बाघ ने वन विभाग को छकाया

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Published By Vishal Singh
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रेस्क्यू ऑपरेशन में वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) ने बढ़ाया हाथ 

मलिहाबाद, अमृत विचार : रहमानखेड़ा जंगल में 63 दिनों से बाघ को सुरक्षित पकड़ने के लिए वन विभाग भरसक प्रयास कर रहा है। बावजूद इसके बाघ वन विभाग की पकड़ से कोसों दूर है। इस रेस्क्यू अभियान को सफल बनाने के लिए वन विभाग ने अब तक 63 लाख रुपये खर्च कर 18 मवेशियों को बाघ को परोसा है, लेकिन नतीजा शून्य रहा। ऐसे में वन विभाग ने देहरादून से वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) की विशेषज्ञ डॉ. शिखा बिष्ट को बुलाया है। उनके निर्देशन में उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर और बाराबंकी जनपद की टीमें बाघ के ठिकानों को खोजेंगी।

डीएफओ सितांशु पाण्डेय ने बताया कि वनमंत्री डॉ. अरुण सक्सेना के आदेश पर वनकर्मियों की टीमें बाघ के मूवमेंट पर लगातार निगरानी कर रही हैं। बेल वाले ब्लॉक में एक नया मचान बनाया गया है, जिसमें एक बार फिर से पड़वे को बांधकर आसपास दो जगहों पर पिंजरे भी लगाए गए हैं। इसके साथ ही मचान पर वन्यजीव विशेषज्ञों की ड्यूटी लगाई गई है।

डीएफओ ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए एक नई रणनीति को अमल में लाया गया है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के विशेषज्ञों से बातचीत कर बाघ को रिझाने के लिए बाघिन की आवाज की रिकॉर्डिंग मंगाई गई है। गुरुवार को रहमान खेड़ा के तीनों जोन में वनविभाग की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया। इसके साथ चौकीदारों, पहरेदारों व वनमित्रों से बातचीत कर बाघ रेस्क्यू टीम ने सुझाव भी दिए।

बाघ ने किया 18वां शिकार
डीएफओ ने बताया कि बुधवार को रहमानखेड़ा जोन-एक और दो में बाघ के नए पगचिन्ह मिले थे। देर रात बाघ ने जोन-एक में बंधे पड़वे का शिकार किया था, जिसके बाद बाघ ने उसे खाया नहीं था। अब उसी जगह नया पड़वा बांधा गया है। अब वन विभाग बाघ के फिर से आने का इंतजार कर रहा है। बाघ शिकार करने के बाद गुरुवार को नजर नहीं आया।

गुरुवार को ट्रेकिंग टीम को जोन 1, 2 व 3 में पग मार्क नहीं मिले। इसके साथ ही वनविभाग ने जोन-2 में थर्मल ड्रोन से रहमान खेड़ा में निरीक्षण किया, लेकिन बाघ नजर नहीं आया। वन विभाग टीम ने ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए सहिलामऊ, मीठे नगर, उलरापुर, दुगौली, कुशमौरा, हलुवापुर, हाफिज खेड़ा समेत कई गांवों में जागरूकता अभियान चलाया है।

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