यौन शक्ति बढ़ाने के नाम पर लखनऊ में ठगी, 5 सेक्सोलॉजिस्ट क्लीनिकों पर छापा, मिली स्टेरॉयड और मिलावटी दवाएं
लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी लखनऊ के एक चर्चित क्लीनिक पर दवाओं में स्टेरॉयड की मिलावट करने का पहले भी आरोप लग चुका है। जांच में नमूने फेल हो गए थे। वर्ष 2018 में ड्रग विभाग ने कार्रवाई करते हुए मुकदमा भी दर्ज कराया था। इसके बाद क्लीनिक का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। जिम्मेदारों की मिलभगत से दोबारा से क्लीनिक को लाइसेंस जारी कर दिया गया।
अब एक बार फिर से शहर के पांच सेक्सोलॉजिस्ट पर आयुर्वेद की औषधि में एलोपैथी दवाएं और स्टेरॉयड का मिलावट करने का आरोप लगा है। जिसके बाद आयुर्वेद की यौन शक्ति बढ़ाने का दावा करने वाले इन क्लीनिक की चर्चा शुरू हो गई है। एफएसडीए की टीम ने कई डिस्पेन्सरी और क्लीनिक में छापेमारी कर दवाओं के 10 नमूने जांच के लिए एकत्र किए। सहायक मंडल आयुक्त ब्रजेश ने बताया इन पांचों सेक्सोलॉजिस्ट क्लीनिक से लिए गए नमूने जांच के लिए मेरठ लैब भेजे गए हैं।
स्टेरॉयड के अधिक इस्तेमाल से नपुंसकता
स्टेरॉयड के विशेषज्ञों का कहना है कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है। इसका ज्यादा इस्तेमाल से मौत तक हो सकती है। इससे आदमी नपुंसक तक बन सकता है। इसका नियमित सेवन लीवर को तो क्षतिग्रस्त करता ही है, साथ ही लीवर कैंसर का कारण भी बनता है। युवा अवस्था में स्टेरॉयड का सेवन हार्टअटैक का कारण भी बनता है।
आयुर्वेद विभाग को पंजीकरण की जिम्मेदारी
सेक्सोलॉजिस्ट क्लीनिक का पंजीकरण पहले स्वास्थ्य विभाग करता था। दो साल पहले स्वास्थ्य विभाग ने इनका पंजीकरण करना बंद कर दिया। जिसके बाद इन सेक्सोलॉजिस्ट क्लीनिक का पंजीकरण आयुर्वेद विभाग में हो रहा है। आयुर्वेद विभाग में इनका पंजीकरण महज क्लीनिक के तौर पर हुआ है। क्लीनिक के नाम पर सेक्सोलॉजिस्ट अंग्रेजी व स्टेरॉयड दवा मिलाकर मरीजों को खिलाने का आरोप है। सभी पांचों सेक्सोलॉजिस्ट के क्लीनिक से लिए गए दवाओं के नमूनों की जांच रिपोर्ट करीब एक माह में आएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी... ब्रजेश कुमार सहायक मंडल आयुक्त।
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