महाकुंभ में शेयर बाजार की डुबकी से कानपुर के लोग मायूस, शहर के निवेशकों को लगी पांच हजार करोड़ की चपत

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Published By Deepak Shukla
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स्मॉल और मिडकैप शेयर सबसे ज्यादा पिटे

कानपुर, अमृत विचार। इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि महाकुंभ पर संगम नगरी प्रयागराज में जहां आस्था की डुबकी के बीच उमंग की लहरें उफान मारती रहीं, वहीं शेयर बाजार के डुबकी लगाने से निवेशक मायूसी के गोते खाते रहे। महाकुंभ के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में आई तेज गिरावट का असर शेयर और म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले कानपुर के निवेशकों पर भी पड़ा, उनके पोर्टफोलियो में करीब 5000 करोड़ रुपये की कमी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस गिरावट ने खासतौर पर उन निवेशकों को जोर का झटका दिया, जिन्होंने हाल के महीनों में बाजार में तेजी देखकर निवेश किया था। 

शहर में सक्रिय लाखों सक्रिय निवेशकों में एक बड़ा वर्ग खुदरा निवेशकों का है। ऐसे अधिकतर निवेशकों ने स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में भारी निवेश किया था, जो इस गिरावट में सबसे ज्यादा पिटे। निवेशक विमल तिवारी ने बताया कि बाजार ऊपर जाने का अनुमान था, लेकिन भारी गिरावट ने सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। पोर्टफोलियो में करीब 15 प्रतिशत  की गिरावट आ चुकी है। रोहित वर्मा ने हाल ही में बाजार में निवेश शुरू किया था, उन्होंने बताया कि कुछ महीने पहले पांच लाख रुपये लगाए थे, लेकिन अब पोर्टफोलियो करीब चार लाख रुपये दर्शा रहा है। 

गिरावट के यह रहे प्रमुख कारण

एफआईआई की बिकवाली : एफआईआई ने भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली की जिससे सेंसेक्स और निफ्टी लुढ़के।
टैरिफ पर डोनाल्ड ट्रंप की सख्ती : अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की सख्त टैरिफ नीति के कारण भारतीय कंपनियों को भी झटका लग सकता है, इस कारण बाजार में मुनाफा वसूली हो रही है। अमेरिका भारत का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है और अगर भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ता है, तो निर्यातकों को नुकसान होगा। 
लिस्टेड कंपनियों के कमजोर नतीजे : तिमाही नतीजों में कई लिस्टेड कंपनियों ने उम्मीद से कमजोर प्रदर्शन किया, जिससे शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ गई। मुनाफावसूली का दबाव : हाल के महीनों में तेजी के बाद कई निवेशकों ने ऊंचे स्तर पर मुनाफा बुक करना शुरू किया जिससे बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा।

हर गिरावट एक मौका, स्मार्ट निवेशक बनें

आर्थिक विशेषज्ञ और केश्री ब्रोकिंग के को-फाउंडर राजीव सिंह ने बताया कि अस्थिरता बाजार का स्वभाव है। जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। यह अच्छे गुणवत्ता वाले शेयरों में खरीदारी का सही समय है। यह गिरावट दीर्घकालिक निवेश के लिए अच्छा अवसर भी हो सकती है। हर गिरावट एक मौका होती है। स्मार्ट निवेशक वही होते हैं, जो बाजार की अस्थिरता का फायदा उठाते हैं। मजबूत कंपनियों के शेयरों में निवेश करना ही सही रणनीति है।

-    धैर्य रखें और घबराहट में शेयरों को न बेचें।
-    मजबूत फंडामेंटल वाले स्टॉक्स में निवेश करें।
-    स्मॉलकैप व मिडकैप में निवेश सोच-समझकर करें।
-    एसआईपी में अपना निवेश लगातार जारी रखें।

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