बाघ के डर से बोर्ड परीक्षा केंद्रों के बाहर बढ़ाई गई सुरक्षा, रहमान खेड़ा जंगल को छोड़ कर चला गया Tiger
लखनऊ, अमृत विचार : मलिहाबाद लखनऊ रहमान खेड़ा जंगल और आसपास करीब 60 गांव में दहशत का पर्याय बने बाघ ने वन विभाग को बेचैन कर दिया है। बीते तीन दिनों से वन विभाग को बाघ के एक भी पगचिन्ह नहीं मिले हैं। विशेषज्ञ और गैर जनपदों से आई वन विभाग टीम ने जंगल का एक-एक कोना खंगाल लिया है। बावजूद इसके विशेषज्ञों के हाथ खाली हैं। आशंका जताई जा रही है कि बाघ ने जंगल छोड़ दिया है, और कहीं अलग उसने अपना नया ठिकाना बना लिया है। यही वजह है कि वन विभाग बाघ को अब तक ढूंढ नहीं सकी है। हालांकि वन विभाग ने बोर्ड परीक्षा का संचालन करने वाले स्कूल और कॉलेज के प्रधानाचार्यों से संवेदनशीलता बरतने के साथ ही उनसे सहयोग मांगा है।
रहमान खेड़ा जंगल व उसके आसपास गांव में बीते 87 दिनों से दहशत का माहौल कायम है। एक रिपोर्ट के मुताबिक बाघ ने अब तक 23 मवेशियों का शिकार किया है। जिसमें गोवंश भी शामिल है। डीएफओ सितांशु पांडे ने बताया कि वन्य जीव को पकड़ने के लिए तमाम कोशिश की जा रही हैं, लेकिन तीन दिन से बाघ का कहीं पता नहीं लग सका है। विशेषज्ञों ने सभी जोन में कांबिंग, थर्मल ड्रोन की मदद से बाघ को ट्रेस करने की कोशिश की। इसके साथ ही हथिनियों सुलोचना और डायना की मदद से प्रभावित गांवों में कांबिंग कराई गई लेकिन नतीजा शून्य रहा।
डीएफओ ने बताया कि रविवार को बेहता नाले के दोनों तरफ कांबिंग ऑपरेशन किया। फिर भी बाघ का एक भी पगचिन्ह नहीं मिला। ऐसे में वन विभाग पूरी तरीके से बेचैन हो चुका है, विशेषज्ञों का मानना है कि बाघ ने ठिकाना बदल लिया है। जिस वजह से सीमावर्ती जिलों में भी बाघ की दहशत दस्तक देने लगी है। वन विभाग ने पड़ोसी जिलों से भी सहयोग मांगा है। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षा का संचालन करने वाले परीक्षा केंद्रों के प्रधानाचार्य से मुलाकात कर उन्हें संवेदनशीलता बरतने के साथ ही वन मित्र बनकर सहयोग की अपील की है। हालांकि बाघ के ठिकाने बदलने को लेकर वन विभाग रहे आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
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