रायबरेली: मेंहदी रचाए इंतजार करती रही दुल्हन, दहेज लोभियों ने नहीं लाई बारात
शिवगढ़/रायबरेली, अमृत विचार। दहेज कुप्रथा ने एक और मां-बाप, बेटी के सपने चकना चूर कर दिए। दहेज की मांग पूरी न होने पर वर पक्ष ने समाज को कलंकित करते हुए बारात लेकर नहीं आए। इस दौरान मेंहदी रचाए दुल्हन इंतजार करती रही। बारात न आने से दुखी जनातियों ने खाना तक नहीं खाया। घर में मंत्रों की गूंज के बजाय दूल्हन की सिसकिया रह रह कर गूंज रही थी। जिससे हर किसी का दिल द्रवित हो उठा।
वहीं दुल्हन सिसकते हुए यही बार-बार यही कह रही थी, क्या बेटी होना अभिशाप है? हमें नहीं पता था मम्मी, पापा को मेरी शादी के लिए इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं घर की महिलाएं विवाह के मंगल गीत गाने के बजाय आंखों में करुणा के आंसू लिए दूल्हन और उसकी मां के आंसू पोछती नजर आई। शादी समारोह में आए रिश्तेदार एवं ग्रामीण परिजनों को ढाढस बांधते रहे।
मामला शिवगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बैंती का है जहां एक मार्च दिन शनिवार को राजेंद्र जासवाल की बेटी शिवानी जायसवाल की बारात आनी थी। शादी का मंडप, जयमाल स्टेज, और सड़क से लेकर घर व गैलरी तक पांडाल सजा था। भोजन के स्टाल लगे थे। चारों तरफ रंग बिरंगी लाइटों एवं झालरों से घर जगमगा रहा था। रिश्तेदार और ग्रामीण आ-जा रहे थे। सभी दूल्हन के पिता और मां को बेटी के शादी समारोह की मंगल शुभकामनाएं दे रहे थे। घर में खुशियों का माहौल था।
वहीं जयमाल के लिए दूल्हन का श्रृंगार किया जा रहा था। महिलाएं और दूल्हन की सहेलियां सभी सज संवर रही थी। परिजन व्यवस्थाओं में लगे थे ताकि जनवास से लेकर द्वारचार और जयमाल मण्डप तक बारातियों के स्वागत में किसी प्रकार की कमी ना रहने पाए, किन्तु बारात न आने से सारे सपने चकना चूर हो गये। सारी व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गई।
दूल्हन पक्ष का आरोप है कि निर्धारित समय पर जब बारात नहीं आई तो रात 8 बजे परिजनों ने वर पक्ष से फोन के माध्यम से सम्पर्क किया। दूल्हे के पिता और दूल्हे के बड़े भाई ने साफ इंकार करते हुए कहा कि हम बारात लेकर नहीं आएंगे। बारात इस शर्त पर लेकर आएंगे जब दहेज की मांग पूरी करोगे।
राजेंद्र कुमार व उनकी पत्नी सुमनलता का आरोप है कि उन्होंने अपने सामर्थ्य के अनुसार ढाई लाख रुपए की बरीक्षा की थी। साथ ही करीब तीन लाख का तिलक चढ़ाया था। उन्होंने बताया कि 2 वर्ष पूर्व उनकी बेटी की शादी जिला सीतापुर में तय हुई थी। शादी तय करते समय वर पक्ष ने कोई मांग नहीं की थी।
आरोप है कि तिलक के बाद से वर पक्ष कन्या पक्ष के ऊपर दहेज की मांग को लेकर लगातार दबाव बना रहा था, उनके बेटे की सरकारी नौकरी लगने वाली है इसलिए अब ऐसे शादी नहीं होगी। दहेज में उन्हे चार पहिया गाड़ी और 10 लाख रुपये देने होंगे। उनका यह भी आरोप है कि वर पक्ष ने दहेज की मांग करते हुए कहा था कि सरकारी नौकरी के लिए 20 लाख की डिमांड है, जिसमें 10 लाख रुपए वर पक्ष और 10 लाख रुपये कन्या पक्ष को देने होंगे, जिसमें कन्या पक्ष ने अस्मर्थता जताई थी।
शादी के दिन द्वार पर बारात ना आने की बात सुनकर कन्या पक्ष के पैरों तले से जमीन खिसक गई। दूल्हन के माता-पिता गस खाकर गिर पड़े, जिससे रिश्तेदारों एवं ग्रामीणों में हड़कम्प मच गया। देर रात शिवगढ़ थाने पहुंचे दूल्हन के पिता राजेंद्र जायसवाल ने पुलिस को पूरी बात बताते हुए लिखित तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। थाना प्रभारी श्याम कुमार पाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है।
