आईआईटियंस को सिखाया जाएगा तनाव प्रबंधन, आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के साथ कानपुर आईआईटी ने की साझेदारी

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
On

कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी ने छात्रों की मानसिक सुदृढ़ता, तनाव प्रबंधन और व्यक्तिगत विकास को बढ़ाने पर केंद्रित समग्र कल्याण कार्यक्रम शुरू करने के लिए द आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के साथ साझेदारी की है। समझौता ज्ञापन पर डीन ऑफ स्टूडेंट्स अफेयर्स के प्रोफेसर प्रतीक सेन और आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के निदेशक राजेश जगासिया ने हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य छात्रों को शैक्षणिक व व्यक्तिगत चुनौतियों का अधिक आसानी से सामना करने में सहायता करना है। 

प्रोफेसर प्रतीक सेन ने कहा कि द आर्ट ऑफ लिविंग के साथ सहयोग करके आईआईटी का लक्ष्य अपने छात्रों को व्यावहारिक उपकरणों से लैस करना है, जो उन्हें तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करेंगे। इसके लिए द आर्ट ऑफ लिविंग आईआईटी में विशेष सत्र आयोजित होंगे, जिसमें ध्यान, श्वास तकनीक और माइंडफुलनेस अभ्यासों को एकीकृत किया जाएगा। द आर्ट ऑफ लिविंग के अनुभवी प्रशिक्षकों के नेतृत्व में इंटरैक्टिव सत्र, समूह गतिविधियां और निर्देशित ध्यान कार्यक्रम शामिल होंगे। 

पहल का पहला चरण आईआईटी में इच्छुक छात्रों के लिए मार्च के अंतिम सप्ताह में शुरू होने वाला है। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के निदेशक राजेश जगासिया ने कहा कि हमारे कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों के लिए परिवर्तनकारी रहे हैं। इस दौरान आईआईटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स डॉ. महेश गुप्ता, एसोसिएट डीन ऑफ स्टूडेंट्स अफेयर्स प्रोफेसर ताजदारुल हसन सैयद, आईआईटी की परियोजना कार्यकारी अधिकारी स्वेता कुमार, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थागत कार्यक्रम निदेशक राजीव पद्मनाभन नांबियार, उत्तर प्रदेश से एओएल के शीर्ष निकाय के सदस्य कर्ण गर्ग, एओएल के संकाय सदस्य अर्चित सक्सेना व दीप गर्ग रहे।

यह भी पढ़ें- Kanpur: मसीही समाज के 40 दिन के रोजे आज से शुरू, चर्चों में विशेष प्रार्थना की तैयारियां

 

संबंधित समाचार