Kanpur: समाज कल्याण विभाग की लापरवाही से सैकड़ों छात्रों की छात्रवृत्ति अटकी, बैठाई गई जांच, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। समाज कल्याण विभाग की लापरवाही से नौवीं और दसवीं के 697 छात्रों की छात्रवृत्ति अटकने से पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया। छात्रवृत्ति की समीक्षा में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह को विभाग की लापरवाही पता चली। जिससे छात्रों की छात्रवृत्ति अटकी। इस पर जांच बैठाई गई और छात्रों की समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने साइट खोलने के लिए निदेशालय को पत्र लिखा है। 

समाज कल्याण विभाग छात्रों की आर्थिक मदद के रूप में छात्रवृत्ति प्रदान करता है। पोर्टल पर आवेदन करने के बाद सत्यापन को समाज कल्याण निदेशालय जाता हैं। वहां अगर फार्मों में गलती मिलती है तो उसे सस्पेक्टेड के रुप में विभाग को भेज दिया जाता है। विभाग उसे संबंधित संस्थान व छात्रों की लॉगिन पर भेजकर ठीक कराकर भेजता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। 

छात्रवृत्ति दस्तावेजों की स्क्रूटनी के बाद संदिग्ध डाटा समाज कल्याण विभाग को भेजा गया। जिसे रिसेट कराकर फिर से सत्यापन कराया जा रहा था, लेकिन विभाग के जिम्मेदारों ने 24 फरवरी की रात तक यह डाटा पोर्टल पर अपलोड ही नहीं किया। विभाग की लापरवाही से पोर्टल बंद होने पर छात्रों का डाटा अपलोड नहीं हो पाया और उनकी सूची भी दिखना बंद हो गई। इस तरह सभी छात्रों की छात्रवृत्ति अटक गई। जिलाधिकारी ने लापरवाही पर सीडीओ दीक्षा जैन की अध्यक्षता में जिला कार्यक्रम अधिकारी और माध्यमिक शिक्षा अकाउंट अधिकारी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। टीम रिपोर्ट के आधार पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। 

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