गुटबाजी, अंर्तकलह ने कराई स्वास्थ्य महकमे की किरकिरी: चर्चा में डिप्टी सीएमओ निलंबन प्रकरण

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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बाराबंकी: सबकी सेहत सुधारने की जिम्मेदारी ओढ़े बैठे बाराबंकी के स्वास्थ्य महकमे की सेहत खुद ही ठीक नहीं है। डिप्टी सीएमओ पर कार्रवाई की आंच सीएमओ तक यूं ही नहीं पहुंची, अधीनस्थों पर नियंत्रण कर पाने में वह खुद को अक्षम पा रहे थे, उस पर नवागत जिलाधिकारी ने जिले का जायजा लिया तो बेलगाम अधिकारी, बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की कलई अपने आप खुल गई। आग में घी का काम डिप्टी सीएमओ की करतूत ने कर दिया, गुटबाजी और एक दूसरे का विरोध अंदर ही अंदर जारी रहा। हर अधिकारी अपना हुक्म अलग ही चला रहा था।  

बताते चलें कि बाराबंकी सीएमओ कार्यालय में तैनात डिप्टी सीएमओ डा. राजीव दीक्षित का डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर रिश्वत मांगे जाने का वीडियाे वायरल हुआ। करीब दो माह पुराने इस वीडियो की सत्यता पर जांच बिठा दी गई। तत्कालीन जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार के निर्देश पर गठित टीम की जांच में वीडिया सही पाया गया। बहरहाल डीएम ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी। उधर इस मामले में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने स्वयं संज्ञान लेते हुए डिप्टी सीएमओ डा. राजीव दीक्षित को निलंबित करने के साथ ही विभागीय कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिया। यही नहीं स्वास्थ्य महकमे पर नियंत्रण न रख पाने व प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही बरतने के कारण मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अवधेश यादव के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।

मतलब यह कि चिंगारी ने अचानक आग का रूप ले लिया। विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि सीएमओ कार्यालय में गुटबाजी चरम पर थी, डेढ़ दशक से भी अधिक समय से बाराबंकी में ही जमे डिप्टी सीएमओ डा. राजीव दीक्षित का बीच में ट्रांसफर भी हुआ पर अज्ञात कारणों से वह बाराबंकी में ही जमे रहे। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विभागीय मुखिया ने अधीनस्थों पर नियंत्रण खो दिया था, डिप्टी सीएमओ डा. राजीव अलग ही रुतबे से काम कर रहे थे, कर्मी तक बेलगाम हो चुके थे। नाफरमानी जिला मुख्यालय से लेकर सीएचसी, पीएचसी तक आदत बन गई थी। इसका पता जिलाधिकारी डा. शशांक त्रिपाठी द्वारा हाल ही में विभिन्न सीएचसी, पीएचसी के निरीक्षण से भी चला। स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली निरीक्षण में सामने आ गई। यही वजह रही कि भ्रष्टाचार विभाग की जवाबदेही पर कुंडली मारकर बैठ गया। बहरहाल कार्रवाई के बाद से विभाग में सभी को सांप सूंघ गया है और हर कोई अपना पल्लू झाड़ रहा है।

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