कासगंज: गंगा की कोख हो रही छलनी...अवैध खनन के आगे जिम्मेदारों ने भी मूंदीं आंखें !
कासगंज, अमृत विचार। जिले में खनन की चुभन गंगा की कोख को दर्द पहुंचा रही है। तलहटी में बड़े पैमाने पर खनन का अवैध कारोबार हो रहा है। भंडारण के लाइसेंस पर अवैध खनन के काले कारोबार का गोरख धंधा चल रहा है। मैदानी इलाकों में भी मिट्टी का जमकर अवैध खनन हो रहा है। खनन माफिया सक्रिय हैं और प्रशासन चैन की नींद सोया है।
अवैध खनन रोकने के लिए भले ही प्रदेश भर में अभियान चलाया गया। खनन एवं भूतत्व विभाग बढ़ते खनन पर चिंता जता चुका है कि इसी तरह खनन होता रहा तो ग्लोबल वार्मिंग की समस्या भी जन्म ले सकती है। इसके बाद भी जिले के तराई क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खनन का कारोबार हो रहा है। यह कारोबार एक जालसाजी के तहत हो रहा है। जिले में लगभग आधा दर्जन ठेकेदार हैं, जिनके पास प्रशासन द्वारा जारी किए गए भंडारण के लाइसेंस हैं। भंडारण के लाइसेंस पर ही खनन का कारोबार हो रहा है। इस गोरखधंधे में रसूखदार लोग भी शामिल बताए जाते हैं। उधर मैदानी इलाकों में भी मिट्टी के खनन का कारोबार जोरों पर चल रहा है। बिना अनुमति खेत एवं बंजर भूमि से जेसीबी के माध्यम से खनन किया जा रहा है।
यहां चल रही खनन की खान
बालू के खनन का काला कारोबार सोरों के बरकुला, नगरिया, मीरापुर, मानपुर नगरिया, लहर, एवं पटियाली क्षेत्र के कादरगंज घाट पर जमकर हो रहा है। वहीं एडीएम राकेश पटेल ने बताया कि अवैध खनन के खिलाफ निरंतर पुलिस प्रशासन का अभियान जारी है। बालू का अवैध खनन नहीं होने दिया जाएगा।
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