साजिश या शरारत : एक बार फिर राजधानी में ट्रेन पलटाने की कोशिश, Loco Pilot की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा
Attempt to derail the train : राजधानी लखनऊ के रहीमाबाद रेलवे स्टेशन के पास एक बार फिर से ट्रेन को पलटाने की कोशिश की गई। लोको पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा टल गया। इंजन में पेड़ की डाली फंसने के बाद लोको पायलट ने फौरन इमरजेंसी ब्रेक लगा ट्रेन को रोक लिया। फिर रेलवे ट्रैक पर रखे लकड़ी के भारी-भरकम लठ्ठे को हटाते हुए रेलवे अधिकारियों को सूचना दी। यह कोई पहली घटना नहीं है, पूर्व में भी मलिहाबाद रेलवे स्टेशन के पास कुछ शरारती तत्वों ने ट्रेन को डिरेल करने कोशिश की थी। फिलहाल, पुलिस बीटीएस की मदद से मामले की जांच में जुटी है।
रहीमाबाद इंस्पेक्टर आंनद द्विवेदी के मुताबिक, रेलवे के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (ट्रैकमैन) राजेश राजन ने कुछ शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। लिखित शिकायत में ट्रैकमैन ने बताया कि मंगलवार रात करीब 02.30 बजे लखनऊ से नई दिल्ली की तरफ जा रही आनंद विहार गोरखपुर स्पेशल, गरीब रथ (05577) ट्रेन के आगे किसी ने लड़की का गट्ठा रखा दिया। ट्रैकमैन का कहना है कि ये लकड़ी उस वक्त ट्रैक पर रखी गई, जब रहीमाबाद रेलवे स्टेशन की अप लाइन से स्पेशल ट्रेन को गुजरना था, लेकिन समय रहते लोको पायलट की नजर ट्रैक पर रखी लड़की का गट्ठा पर पड़ गई।

पायलट की सूझबूझ से कोई बड़ा हादसा होने से टल गया, हालांकि इमरजेंसी ब्रेक लगाने पर भी लकड़ियां ट्रेन के इंजन में फंस गईं। ट्रैकमैन का कहना है कि लड़की के गट्ठा का वजन करीब 40 किलो के आसपास था। इंजन से उतरने के बाद लोको पायलट ने देखा कि डाउन लाइन पर भी कुछ जगहों पर आम की लड़कियां रखी गई थी। जिस पर एक धार्मिक रंग का प्रतीक का कपड़ा भी रखा गया था।
बीटीएस की मदद से खंगाले जा रहे मोबाइल नेटवर्क
लोको पायलट की सूचना पर मौके पर पहुंची आरपीएफऔर पुलिस की टीम ने ट्रैक से लड़कियों को हटाया। इस दौरान ट्रेनों की आवाजाही को रोका गया। इस मामले में पुलिस ने रेलवे एक्ट 1989 में 151 व 153 में एफआईआर दर्ज कर ली है। प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि पुलिस बीटीएस की मदद से ट्रेन के आने से पहले रेलवे ट्रैक के पास सक्रिए मोबाइल नेटवर्क को खंगाला जा रहा है।
पूर्व में भी ट्रेन को डिरेल करने का किया था प्रयास
गौरतलब है कि 24 अक्टूबर की रात को 12:00 बजे (14236) बरेली वाराणसी एक्सप्रेस को डिरेल करने की कोशिश की गई थी। शरारती तत्वों ने रेलवे ट्रैक पर बबूल के पेड़ का भारी-भरकम तना रख दिया था। जिसके बाद उसे हटाते हुए रेल सेवा संचालित की गई थी।
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