पीलीभीत: मरा बच्चा पैदा हुआ तो परिजनों ने किया हंगामा...प्रसव के दौरान लापरवाही का आरोप

पीलीभीत: मरा बच्चा पैदा हुआ तो परिजनों ने किया हंगामा...प्रसव के दौरान लापरवाही का आरोप

पीलीभीत, अमृत विचार। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरिया कॉलोनी में प्रसव के बाद मृत बच्चे के जन्म की जानकारी मिलने पर परिवार वाले आक्रोशित हो गए और जमकर हंगामा किया। उनका आरोप था कि प्रसव के दौरान बरती गई लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है। कई घंटे चले हंगामे के बाद अंत में दोनों पक्षों की सुलह हो गई। तब जाकर मामला शांत हो सका।

दरअसल तहसील क्षेत्र के ग्राम अंडरायन के रहने वाले जगदीश अपनी गर्भवती पत्नी चमेली देवी को प्रसव पीड़ा होने पर रविवार देर रात नगरिया कॉलोनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए थे। वहां पर उन्हें भर्ती कर लिया गया। सोमवार सुबह करीब नौ बजे चमेली देवी को प्रसव के लिए ले जाया गया। करीब डेढ़ घंटे बाद स्टाफ नर्स अनीमा मलिक ने आकर बताया कि मृत बच्चे का जन्म हुआ है।

इसके बाद परिवार वाले आक्रोशित हो गए और हंगामा कर दिया। उनका आरोप था कि स्टाफ नर्स की लापरवाही के चलते नवजात की जान चली गई। शरीर पर निशान होने की बात भी कही गई। आशंका जताई कि प्रसव के दौरान जोर से पेट दबाने से बच्चे की मौत हुई है। करीब पांच घंटे तक पीएचसी पर हंगामा चलता रहा। परिवार की महिलाओं का रोकर बुरा हाल रहा। फिर दोनों पक्षों के बीच वार्ता के बाद मामला सुलह होने पर शांत हो सका।

जच्चा बच्चा की मौत मामले में होगी जांच 
एक निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत के मामले में भले ही परिवार ने कोई शिकायत नहीं की। मगर, मामला संज्ञान में आने पर सीएमओ ने गंभीरता से लिया है। इस प्रकरण जांच के आदेश करते हुए जांच कमेटी भी गठित कर दी गई है। जांच अधिकारी बनाए गए एसीएमओ से सात दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी है। जांच कमेटी गठित होने के बाद खलबली मची हुई है। कस्बा बरखेड़ा के मोहल्ला कुंदनपुर गौटिया के रहने वाले सचिन की 29 वर्षीय पत्नी सुमन नौ माह की गर्भवती थी। 

माधोटांडा रोड पर स्थित निजी अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा की मौत हो गई थी। परिवार ने गलत इंजेक्शन से मौत होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। अब सीएमओ डॉ.आलोक कुमार ने जांच के आदेश करते हुए कमेटी गठित कर दी है। एसीएमओ डा. एस के सिंह को जांच अधिकारी बनाया गया है। जांच कमेटी निजी अस्पताल का निरीक्षण करेगी और प्रकरण से संबंधित इलाज की बीएसटी, दवाओं के पर्चे आदि तलब किए जाएंगे। इसके अलावा इलाज करने वाले डॉक्टर और परिवार वालों के बयान भी दर्ज होंगे।

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