कानपुर में पीएम आवास योजना में वसूली, दो सचिव निलंबित: जांच में भी पाए गए दोषी, पैसा मांगने, शराब पीने के बाद अभद्रता का आरोप

Amrit Vichar Network
Published By Nitesh Mishra
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बिल्हौर और भीतरगांव का मामला

कानपुर, अमृत विचार। पीएम आवास योजना ग्रामीण के नाम पर लाभार्थियों से वसूली करने पर दो पंचायत सचिव निलंबित कर दिये गये। सीडीओ दीक्षा जैन ने जांच में दोषी मिलने पर दोनों पर कार्रवाई की। बिल्हौर के सचिव नरेंद्र सिंह वर्मा ने आवास निर्माण से पहले लाभार्थी से 15 हजार रुपये मांगे थे। वहीं भीतरगांव ब्लाक के ग्राम पंचायत सचिव पर आवास का पैसा मांगने, शराब पीने और पंचायत सहायक से अभद्रता करने का आरोप था। अधिकारियों की टीम ने जांच की तो दोनों सचिव दोषी पाए गए। 

बिल्हौर ब्लाक के पुरा गांव की लाभार्थी राजरानी से आवास दिलाने के नाम पर 15 हजार रुपये मांगने का ऑडियो जनवरी माह में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। सीडीओ ने डीडीओ से जांच कर रिपोर्ट मांगी थी। टीम ने गांव पहुंचकर जांच की तो मामला सही निकला। जांच रिपोर्ट सीडीओ को सौंपी गई जिसके बाद उन्होंने कार्रवाई कर दी। वहीं भीतरगांव ब्लाक के नौरंगा के प्रधान ने ग्राम पंचायत सचिव राजेश कुमार के खिलाफ पीएम आवास में पैसा मांगने, शराब पीकर पंचायत भवन आने और चयनित पंचायत सहायक से अभद्रता करने की शिकायत सीडीओ से की थी।

जिस पर बीडीओ, युवा कल्याण अधिकारी और डीपीआरओ ने जांच कराई थी। जिसमें पाया कि आवास के नाम पर सचिव ने दो लाभार्थियों से पैसे लिए। साथ ही महिला पंचायत सहायक को फोन करके परेशान करता था जिसपर संबंधित थाने में तहरीर भी दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। टीम ने सचिव के गलत आचरण और योजना के नाम पर पैसा मांगने का दोषी पाया। रिपोर्ट के आधार पर सीडीओ ने निलंबन की कार्रवाई कर दी।

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