आईएएस टापर शक्ति प्रतिदिन करती थी 18 घण्टे पढ़ाई : पिता सब इंस्पेक्टर तो माता है गृहणी, 

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Published By Vinay Shukla
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दो बहन, एक भाई है शक्ति के शक्ति पढ़ाई में शुरू से थी मेधावी : देवेंद्र कुमार दूबे 

प्रयागराज : संघ लोक सेवा आयोग यानि यूपीएससी ने आज सिविल सर्विसेज का  2024 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया गया है। देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल परीक्षा में कुल 1009 अभ्यर्थी सफल घोषित हुए हैं। इसमें प्रयागराज जिले के नैनी की रहने वाली शक्ति दुबे आईएएस टॉपर बनी हैं। शक्ति प्रतिदिन 18 घण्टे पढ़ाई करती थी। आईएएस टापर शक्ति दुबे फिलहाल शहर से बाहर हैं लेकिन उनके परिवार के लोगों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

शक्ति दुबे मूल रूप से बलिया की रहने वाली हैं  उनके पिता देवेंद्र कुमार दुबे यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं और मौजूदा समय में डीसीपी ट्रैफिक प्रयागराज के पेशकार के पद पर कार्यरत हैं जबकि माता श्रीमती प्रेमा देवी गृहणी है। शक्ति दुबे का परिवार नैनी इलाके के मामा भांजा तालाब के पास सोमेश्वर नगर में रहता है।  बधाई देने वाले आसपास के लोग बड़ी संख्या में शक्ति दुबे के घर पर मौजूद थे। आईएएस टापर शक्ति दुबे के पिता देवेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि उन्हें बेटी की सफलता पर गर्व है। ईश्वर के आशीर्वाद और कड़ी मेहनत से बेटी ने यह मुकाम हासिल किया है। पिता देवेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि उन्होंने कभी बेटे और बेटी में फर्क नहीं किया। बेटी को पढ़ाई के पूरे संसाधन मुहैया कराये। उन्होंने बताया कि बेटी शक्ति दुबे शुरू से ही मेधावी थी उसने कोई कोचिंग नहीं किया था। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट से लेकर ग्रेजुएशन और पीजी में फर्स्ट क्लास पास हुई।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी और बीएचयू से पीजी  बायो केमिस्ट्री में गोल्ड मेडल हासिल किया था। पिता देवेंद्र कुमार दूबे ने बताया कि बेटी शक्ति का यह यूपीएससी में तीसरा अटेम्प्ट था। उन्होंने बताया कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि बेटी एक दिन सपना जरूर पूरा करेगी। ईश्वर का बहुत - बहुत धन्यवाद की उसने हम लोगों और शक्ति के परिश्रम का बहुत अच्छा रिजल्ट दिया। वहीं शक्ति की मां प्रेमा दुबे का कहना है कि बेटी शुरू से ही पढ़ने में अच्छी थी। दिल्ली कोचिंग के लिए गयी थी लेकिन उसी दौरान कोविड की वजह से फिर वापस प्रयागराज वापस लौटना पड़ा। शक्ति घर पर ही रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी। उन्होंने बताया कि बेटी 18 घंटे से ज्यादा पढ़ाई करती थी। उसकी लगन और परिश्रम देखकर उन्हें विश्वास था की बेटी एक दिन जरूर हम लोगों का नाम रोशन करेगी। फिलहाल आईएएस टापर शक्ति दुबे अभी शहर से बाहर हैं। बड़ा बेटा आशुतोष दुबे और बेटी प्रगति भी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं जबकि शक्ति दुबे तीन भाई बहनों में दूसरे नंबर पर थी। 

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