Kanpur: आईसीएसई में स्पर्श तो आईएससी में इन्या बनीं सिटी टॉपर, स्पर्श ने दी सलाह, बोले- कमजोरी को तलाशें और मेहनत करें
कानपुर, अमृत विचार। काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) की ओर से बुधवार को परीक्षा परिणाम जारी किया गया। आईसीएसई (10वीं) में शीलिंग हाउस स्कूल के स्पर्श सक्सेना ने 99.80 फीसदी अंकों के साथ सिटी में पहला स्थान हासिल किया है। सेठ आनंदराम जैपुरिया स्कूल की छात्रा इन्या द्विवेदी ने आईएससी (12वीं) में 99.25 फीसदी अंक पाकर सिटी टॉप किया। आईएससी (12वीं) में दूसरे स्थान पर शहर में संयुक्त रूप से चार मेधावियों ने स्थान साझा किया।
काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन का परीक्षा परिणाम इस बार पिछली बार की तुलना में हाई रहा। पिछले परीक्षा परिणाम से तुलना की जाए तो इस बार शहर के मेधावियों ने कुल प्रतिशत में एक फीसदी अधिक प्राप्तांक पाए हैं। दसवीं में शीलिंग हाउस स्कूल की छात्रा आरोही वर्मा ने शहर में दूसरा स्थान हासिल किया। आरोही ने 99.60 फीसदी अंक हासिल किए। द चिंटल्स स्कूल के छात्र युवराज सिंह ने 99.40 फीसदी अंकों के साथ शहर में तीसरा स्थान हासिल किया है। बारहवीं में सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल के शिवांशु खेमका ने 99 फीसदी अंक हासिल किए।
शिवांशू के साथ ही डॉ. वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर अवधपुरी की छात्रा मिताली कटियार ने 99 फीसदी अंक के साथ संयुक्त रूप से दूसरा स्थान हासिल किया है। वीरेंद्र स्वरूप किदवई नगर की छात्रा वर्तिका गोयल ने भी 99 फीसदी अंकों के साथ संयुक्त रूप से शहर में दूसरा स्थान हासिल किया है। वीरेंद्र स्वरूप किदवई नगर की छात्रा मान्या अग्रवाल ने भी 99 फीसदी अकों के साथ दूसरा स्थान साझा किया है। बारहवीं में वीरेंद्र स्वरूप एजु़केशन सेंटर किदवई नगर की छात्रा तनिष्का सिंह ने 98.80 फीसदी अकों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है।
12वीं के मेधावी
डॉक्टर बनने का सपना है
इन्या द्विवेदी ने बारहवीं में 99.25 फीसदी अंक हासिल कर शहर में टॉप किया है। मेडिकल कॉलेज कैंपस स्वरूप नगर निवासी इन्या के पिता डॉ. महेश चंद्र द्विवेदी ईएनटी सर्जन और उनकी मां डॉ. दीप्ति द्विवेदी रेडियोलॉजिस्ट हैं। इन्या का कहना है कि वे बड़े होकर अपने माता-पिता की तरह डॉक्टर बनना चाहती हैं। बेहतर अंक आने पर इन्या ने बताया कि वे स्कूल के बाद भी करीब 6 से 7 घंटे की पढ़ाई करती थी। इन्या ने बताया कि उनकी फिजिक्स कमजोर थी, इसलिए उन्होंने फिजिक्स पर फोकस बढ़ाया, फिर धीरे-धीरे जब विषय समझ आने लगा तो रुचि बढ़ी। परीक्षा में फिजिक्स में 100 नंबर आए हैं। अब मेरा पूरा फोकस नीट पर है। मुझे एक साइकेट्रिक्स बनना है।
पढ़ाई में निरंतरता जरूरी
बारहवीं में शहर में दूसरे स्थान पर आए शिवांशू खेमका के 99 फीसदी अंक हासिल किए हैं। सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल के छात्र शिवांशू ने चार मेधावियों के साथ शहर में संयुक्त रूप से दूसरा स्थान हासिल किया है। उन्होंने बताया कि वे कुरसवां में रहते हैं और उनके पिता अविनाश खेमका एक व्यवसायी हैं। मां मोनिका खेमका गृहणी हैं। शिवांशू ने बताया कि बेहतर पढ़ाई के लिए यह जरूरी है कि पढ़ाई में निरंतरता होनी चाहिए। निरंतरता बनी रहने से परीक्षा से पहले का तनाव दूर हो जाता है। इससे परीक्षा देने में सरलता होती है।
सोशल मीडिया के न बनें गुलाम
बारहवीं में 99 फीसदी अंक हासिल कर संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर शहर टॉप करने वाली मिताली कटियार ने सोशल मीडिया को यूजफुल बताया है। उन्होंने कहा कि यदि सोशल मीडिया का गुलाम न बनें तो वह काफी जानकारी देता है। डॉ. वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर अवधपुरी की छात्रा मिताली कटियार कहा कि मुझे उम्मीद थी कि इस बार नंबर काफी अच्छे आएंगे और वैसे ही हुआ। शारदा नगर निवासी शराब कारोबारी अनिल कटियार की बेटी मिताली का कहना है कि स्कूल के अलावा करीब 4 से 5 घंटे की पढ़ाई करती थी। परिवार का सपना है कि मैं आईएएस अधिकारी बनूं। इसके लिए यूपीएसई की तैयारी शुरू कर दी है।
दसवीं के टॉपर
कमजोरी को तलाशें और मेहनत करें
शीलिंग हाउस स्कूल के छात्र स्पर्श सक्सेना ने 99.80 फीसदी अंकों के साथ शहर टॉप किया है। गीता नगर निवासी स्पर्श के पिता शोभित सक्सेना सीएमओ ऑफिस में सुपरवाइजर हैं। उनकी मां लवली सक्सेना एडवोकेट हैं। परिवार में पहली बार मेधावी बने स्पर्श के दादा जीतेंद्र कुमार सक्सेना व दादी सुमन सक्सेना ने भी खुशी जताई। स्पर्श ने बताया कि वह पहले एक औसत छात्र था। मेहनत की तो आज अच्छे अंक आए। उन्होंने कहा कि अपनी कमजोरी को तलाशना सीखना चाहिए। जब कमजोरी पता चल जाए तो उसपर मेहनत से काम करना चाहिए। दादा के दिए इसी मंत्र के साथ मेहनत की और सफलता हासिल की।
पापा ने पढ़ाई फिजिक्स
शीलिंग हाउस स्कूल की छात्रा आरोही वर्मा ने शहर में दूसरा स्थान हासिल किया है। स्वरूप नगर निवासी आरोही ने बताया कि उनके पिता डॉ. अशोक वर्मा जीएसवीएम में डॉक्टर जबकि मां पल्लवी चौरिसया सरकारी अधिकारी हैं। आरोही ने बताया कि परीक्षा की बेहतर पढ़ाई के लिए उनके पिता ने उसे फिजिक्स पढ़ाई है। इससे स्कोर करने में उसे काफी सहायता मिली। आरोही ने यह भी बताया कि परीक्षा में मिलने वाले अंक काफी मैटर करते हैं लेकिन उसे बहुत अधिक महत्व देना जरूरी नहीं है। सोशल मीडिया पर कहा कि सोशल मीडिया का सीमित प्रयोग सहायता करता है।
आईएएस न बना तो प्लान बी तैयार
द चिंटल्स स्कूल रतनलाल नगर के युवराज सिंह को दसवीं (आईसीएससी) में 99.40 फीसदी अंक मिले। उन्हें जिले की टॉप 10 सूची में तीसरा स्थान मिला। युवराज सिंह ने बताया कि वह आईएएस बनना चाहते हैं। अगर इसमें असफल रहा तो प्लाब बी भी तैयार है और बीटेक करूंगा। युवराज ने बताया कि रटने में नहीं बल्कि जितनी देर पढ़ा मन लगाकर ही पढ़ा है। इसकी बदौलत सफलता मिली। शिक्षक राजेंद्र सिंह और मां विनीता सिंह ने बताया कि युवराज शुरू से ही पढ़ाई में तेज है। हर क्लास में वह टॉपर रहा है। पिता ने बताया कि युवराज बास्केट बॉल भी अच्छा खेलता है।
यह भी पढ़ें- कानपुर में छत पर मिला पेंटर का शव, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
