UP में बदलेगी Education System की तस्वीर, नागालैंड के Academic Experience से बनेगा मॉडल स्कूल

Amrit Vichar Network
Published By Anjali Singh
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लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश की शिक्षा प्रणाली में बदलाव की कोशिशें नए मुकाम की ओर बढ़ रही हैं। राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT), लखनऊ के प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में नागालैंड का पांच दिवसीय शैक्षणिक दौरा (26–30 अप्रैल 2025) किया, जहां उन्होंने वहां के प्रभावी शैक्षणिक मॉडल, सामुदायिक भागीदारी और नवाचारों को नजदीक से देखा और अनुभव किया। 

बता दे कि यह दौरा प्रदेश के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट्स) को भविष्य में Centre of Excellence के रूप में स्थापित करने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण प्रेरणा साबित हो सकता है। इस दौरे का नेतृत्व कर रहे SCERT लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान के साथ Centre of Excellence Diets के प्राचार्य, SCERT के अधिकारी और मंत्र फार चेंज के प्रतिनिधियों ने न केवल शैक्षणिक संस्थानों का निरीक्षण किया, बल्कि गाँवों और स्कूलों में जाकर ग्रासरूट स्तर की वास्तविकताएँ समझीं। 

प्रतिनिधिमंडल को नागालैंड की सामुदायिक भागीदारी, Early Childhood Care and Education Model, रिसर्च और मूल्यांकन व्यवस्था से जुड़े कई अहम दस्तावेज और अनुभव मिले। Khonoma Heritage Village (भारत का सबसे हरा गाँव), जखमा और चीचेमा जैसे स्कूलों में जाकर उन्होंने देखा कि वहां शिक्षा केवल संस्थागत जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समुदाय का साझा प्रयास है। 

नगलैंड दौरे का नेतृत्व करने वाले SCERT लखनऊ के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान ने कहा, 'हमें डायट्स में ईमानदारी, पारदर्शिता और समुदाय सहभागिता को मजबूत करना होगा। नागालैंड से मिले अनुभव हमें यह दिखाते हैं कि कैसे छोटे-छोटे नवाचार बड़े बदलाव की नींव रख सकते हैं। हम इन अनुभवों को ध्यान में रखते हुए यूपी में जारी सुधार प्रयासों को और अधिक मजबूत बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं।'

नागालैंड दौरे से यूपी को कई स्तरों पर लाभ होने की उम्मीद है। 

-पहला, रिसर्च-बेस्ड इनोवेशन की दिशा में, जहां प्रदेश के Diets स्थानीय संदर्भों के अनुसार नवाचार विकसित कर सकेंगे। 

-दूसरा, नेतृत्व और शिक्षक प्रशिक्षण में, जिसके लिए विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल बनाए जाएंगे। 

-तीसरा, सामुदायिक सशक्तिकरण के संदर्भ में, जिससे गाँव-स्कूल सहयोग को नीति का हिस्सा बनाया जाएगा। 

-चौथा, फाउंडेशनल लिटरेसी एंड नुमैरेसी लक्ष्य की दिशा में, जहाँ शुरुआती कक्षाओं में पढ़ने-लिखने और गणना की क्षमताओं को मजबूत किया जाएगा।

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