बरेली: रिश्वतखोरी में फंसे सहायक चकबंदी अधिकारी, भूरे सिंह को किया निलंबित

बरेली, अमृत विचार: चकबंदी विभाग में रिश्वतखोरी का मकड़जाल ऐसा फैला है कि एक के बाद एक रिश्वत लेते हुए अधिकारी पकड़े जा रहे हैं। पिछले माह सहायक चकबंदी अधिकारी भूरे सिंह के कहने पर 25 हजार रुपये की घूस लेते हुए चकबंदी लेखपाल महावीर सिंह पकड़ा गया था।
इस प्रकरण में चकबंदी आयुक्त ने भ्रष्टाचार केस में नामजद एफआईआर होने के बाद सहायक चकबंदी अधिकारी भूरे सिंह को निलंबित कर दिया है। भूरे सिंह को जिला बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी कार्यालय से संबद्ध किया गया है। इधर, बुधवार को रिश्वत लेते गिरफ्तार सहायक चकबंदी अधिकारी महेश सिंह के विरुद्ध कार्रवाई और विभागीय जांच कराने के लिए चकबंदी आयुक्त को रिपोर्ट भेज दी गई है।
दरअसल, भ्रष्टाचार निवारण संगठन (एंटी करप्शन) की टीम ने 5 अप्रैल को चकबंदी लेखपाल महावीर सिंह को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। उसने कृषि भूमि के नामांतरण के लिए सहायक चकबंदी अधिकारी भूरे सिंह के कहने पर रिश्वत मांगी थी।
एंटी करप्शन इंस्पेक्टर बब्बन खां ने सहायक चकबंदी अधिकारी भूरे सिंह और लेखपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत कई धाराओं में कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। फरीदपुर क्षेत्र के गांव गजनेरा निवासी टंडन बाबू ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी कि उनकी मां कलावती का निधन हो गया। मां की मौत के बाद गांव गजनेरा में चक संख्या 128 की कृषि भूमि को उनके और उनके भाइयों के नाम वारिसान के रूप में दर्ज कराना था।
उन्होंने इसके लिए मुरादाबाद के थाना बिलारी के गांव जसरथपुर निवासी चकबंदी लेखपाल महावीर सिंह से संपर्क किया तो महावीर सिंह ने उससे सहायक चकबंदी अधिकारी भूरे सिंह के नाम पर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। दो किश्तों में 50 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था।
पैसे लेते ही ट्रैप टीम ने लेखपाल को सहायक चकबंदी अधिकारी तृतीय कार्यालय गेट के पास से गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण में चकबंदी आयुक्त को सहायक चकबंदी अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई चकबंदी आयुक्त को रिपोर्ट भेजी थी। आरोपी लेखपाल को पहले ही निलंबित कर दिया था।
जिला बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी पवन कुमार सिंह ने बताया है कि घूसखोरी के प्रकरण में सह आरोपी सहायक चकबंदी अधिकारी भूरे सिंह को निलंबित करने के साथ ही जिला मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।
वहीं, बुधवार को 25 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए सहायक चकबंदी अधिकारी महेश सिंह के विरुद्ध भी शासन स्तर से निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में रिपोर्ट चकबंदी आयुक्त को रिपोर्ट भेज दी गई है।
घूस लेते पकड़े जा चुके हैं सीओ चकबंदी
चकबंदी विभाग में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके है। 20 अप्रैल, 2023 को सीओ चकबंदी रणधीर सिंह 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े गए थे। चकबंदी आयुक्त ने इसकी जांच उप संचालक चकबंदी हरदोई से कराई थी। फरीदपुर तहसील के गांव गजनेरा के रोशनलाल की शिकायत पर एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वत लेते समय सीओ चकबंदी को कार्यालय से ही गिरफ्तार किया था।
फरीदपुर तहसील में ज्यादा रिश्वतखोरी
जिले के फरीदपुर, मीरगंज तहसील के दर्जनों गांवों में चकबंदी चल रही है। चकबंदी में चक इधर उधर करने और बेहतर जमीन दिलाने के नाम पर अधिकारी रिश्वत मांग रहे हैं। गांव नगरिया कलां से पहले गजनेरा गांव के दो किसानों से रिश्वत लेने के आरोप में दो साल में सीओ चकबंदी,
सहायक चकबंदी अधिकारी और एक लेखपाल पकड़े गए जा चुके हैं, जबकि चकबंदी को लेकर चकबंदी आयुक्त से लेकर जिलाधिकारी, जिला बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी लगातार बैठकें कर अधिकारियों को गड़बड़ी न करने की हिदायत दे रहे हैं, लेकिन अधिकारी रिश्वत लेने से बाज नहीं आ रहे हैं।
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