सवा दो साल बाद भी मधु हत्याकांड अनसुलझा, रेठ नदी किनारे मिला था किशोरी का शव

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Published By Virendra Pandey
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न्याय न मिलने पर थकहार बैठ गया पिता

देवा, बाराबंकी, अमृत विचार। देवा कोतवाली में इंस्पेक्टर आते-जाते रहे, लेकिन 13 साल की मधु का शव मिले दो साल 13 दिन हो गए, उसके साथ क्या अनहोनी घटी, आज तक यही पता नहीं लग सका। पिता सदमे में आज भी है, लेकिन उसकी आंखों के आंसू सूख चुके हैं। एक मामले का सच सामने लाने में पुलिस इतना समय ले लेगी, इसका अंदाजा न पिता को था और न माडर्न पुलिसिंग को ही। घटना के खुलासे के लिए टीम गठित की गई, फॉरेंसिक टीम मौके पर डॉग स्क्वायड के साथ पहुंची, पर किशोरी की बदनसीबी, मरने के बाद भी उसे न्याय नहीं मिला।

बताते चलें कि घटना 14 जून 2023 को देवा कोतवाली क्षेत्र में घटित हुई। थाना क्षेत्र के ग्राम सरैंया मजरे कैथी के रहने वाले सुभाष प्रजापति की 13 वर्षीय पुत्री मधु अपनी चचेरी बहन मुस्कान के साथ नित्यक्रिया के लिए सुबह 7 बजे घर से निकली थी। देर तक घर नहीं लौटी तो परिजनों को चिंता हुई, उधर अकेले घर लौटी मुस्कान भी सही बात नहीं बता सकी। पुलिस से शिकायत पर घटनास्थल पर पहुंचे परिजनों व पुलिस को मधु का शव रेठ नदी किनारे झाड़ में फंसा मिला। हालात देखकर हत्या की आशंका जताई गई। 

सूचना पाकर एसपी ने भी मौके का मुआयना किया, फॉरेंसिक टीम व डॉग स्क्वायड भी पहुंच गई। एसपी के निर्देश पर टीमें घटना के खुलासे के लिए गठित करते हुए शीघ्र सच सामने लाने की बात कही गई। पिता को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उसकी बेटी के साथ हुआ हादसा अनसुलझा ही रह जाएगा, घटनाएं होती रहीं, कोतवाली में इंस्पेक्टर आते-जाते रहे, पर मधु के साथ क्या हुआ, यह सच सामने नहीं आ सका। रस्म निभाते हुए विवेचना अधिकारी के तौर पर विवेचना लंबित की मुहर ही लगती रही। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी कोई नतीजा नहीं निकला। पुलिस का रवैया देख पिता भी चक्कर लगाते-लगाते थक कर घर बैठ गया। अब पिता की उम्मीद भी क्षीण हो चली है कि शायद मधु को अब न्याय मिल सके। इस बारे में क्षेत्राधिकारी नगर सुमित त्रिपाठी का कहना है कि घटना दो साल पहले की है। वह मौजूदा स्थिति का पता कर ही कुछ बता सकेंगे।

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