साइबर थाने... साइबर क्राइम सेल में समायोजित, ठगी के पीड़ितों को मिलेगी राहत, शुरू होगी नई व्यवस्था

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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लखनऊ, अमृत विचार: साइबर क्राइम सेल को साइबर क्राइम थाने में समायोजित किया गया है। कमिश्नरेट में दोनों अब एक साथ ही मिलकर काम करेंगे। पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सेंगर की यह पहल ठगी के पीड़ितों के लिए काफी राहत देने वाली है। अब लोगों को शिकायत दर्ज कराने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। नई व्यवस्था अगले सप्ताह से लागू हो जाएगी।

पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र कुमार सेंगर ने नई व्यवस्था को हरी झंडी दे दी है। अब तक जो व्यवस्था थी उसमें साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों को शिकायत दर्ज कराने के लिए साइबर क्राइम सेल और साइबर थाने के बीच चक्कर लगाना पड़ता था। पांच लाख रुपये तक की ठगी के पीड़ितों को साइबर क्राइम सेल में शिकायत करनी पड़ती थी। जहां से रिपोर्ट लगने के बाद पीड़ित के संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज की जाती थी। वहीं पांच लाख रुपये से अधिक की ठगी के लिए उन्हें साइबर क्राइम थाने सीधे रिपोर्ट दर्ज की जाती थी। दोनों स्थानों की निगरानी अलग-अलग अधिकारियों द्वारा की जाती थी। मामलों के निस्तारण में समय लगता था और पीड़ितों की राशि भी वापस मिलने में काफी दिक्कतों आती थी।

पुलिस आयुक्त अमरेंद्र कुमार सेंगर ने इस समस्या का समाधान करते हुए दोनों इकाइयों को एक करने का निर्णय लिया। अब साइबर क्राइम थाना के तहत सभी मामले एक ही स्थान पर दर्ज होंगे। इसकी निगरानी पुलिस उपायुक्त अपराध कमलेश दीक्षित करेंगे, जिससे मामलों का निस्तारण तेजी से किया जा सकेगा। साइबर क्राइम थाने में केवल पांच लाख रुपये से ऊपर के मामले दर्ज होंगे। इससे कम के मामलों को सीधे थाने जाकर साइबर हेल्प डेस्क पर दर्ज कराया जा सकता है।

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