Bollywood की बेरुखी संग विदा हुए माधुरी और मिथुन की फिल्मों के निर्देशक रहे पार्थो घोष
मुंबई, अमृत विचार। '100 डेज' और 'अग्नि साक्षी' जैसी फिल्मों का निर्देशन करने वाले फिल्म डायरेक्टर पार्थो घोष ने बीते सोमवार अपनी आखिरी सांस ली। उनके निधन के बाद फिल्मी चमक-धमक की एक अलग असलियत खुलकर सामने आई। माधुरी दीक्षित, जैकी श्राफ, नाना पाटेकर, मिथुन चक्रवर्ती जैसे सितारों की फिल्मों का निर्देशन करने वाले पार्थो घोष को बॉलीवुड ने उनके अंतिम समय में अकेला छोड़ दिया। दिन भर उनके निधन की खबरें चलती रहीं मगर बॉलीवुड का कोई बड़ा सितारा उनकी अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हुआ।
दरअसल पार्थो घोष के अंतिम संस्कार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें चंद लोग नजर आ रहे हैं। बॉलीवुड अभिनेता मुकेश जे भारती जरूर उनके अंतिम संस्कार के दौरान नजर आए। फिल्म निर्माता मंजू भारती ने मड आइलैंड स्थित उनके आवास जाकर अंतिम दर्शन किए। पार्थो घोष ने मुकेश जे भारती की फिल्म 'मौसम इकरार के दो पल प्यार' के और 'प्यार में थोड़ा ट्विस्ट' का निर्देशन भी किया था। ये उनके निर्देशन में बनी आखिरी दो फिल्में थीं। उनका अंतिम संस्कार मड स्थित श्मशान घाट पर किया गया। अंतिम संस्कार में जो लोग पहुंचे वो भी बॉलीवुड की इस बेरुखी से काफी आहत नजर आए। वहीं वायरल वीडियो में उनकी पत्नी बिलखती नजर आ रही हैं।
फिल्म 100 डेज के जरिए पार्थो घोष को बॉलीवुड में पहचान मिली। 1991 में आई इस फिल्म का निर्देशन पार्थो घोष ने किया। माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ जैसे बड़े सितारे से सजी फिल्म को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। साल 1992 में दिव्या भारती और अविनाश वधावन अभिनीत फिल्म 'गीत' का भी पार्थो घोष ने निर्देशन किया। उनका सितारा बुलंदी पर उस वक्त पहुंचा जब मिथुन चक्रवर्ती और आयशा जुल्का की फिल्म 'दलाल' में अपने निर्देशन से उन्होंने जान डाल दी। दलाल के बाद पार्थो की गिनती अच्छे निर्देशकों में होने लगी थी।
1996 में नाना पाटेकर, जैकी श्रॉफ और मनीषा कोइराला अभिनीत फिल्म 'अग्नि साक्षी' का उन्होंने निर्देश किया। वहीं नाना पाटेकर अभिनीत फिल्म गुलाम-ए-मुस्तफा भी उनके करियर की काफी चर्चित फिल्म रही। दर्शकों ने इस फिल्म को काफी सराहा। अपने करियर के दौरान उन्होंने 15 से ज्यादा फिल्मों का निर्देशन किया साल 2018 में उन्होंने निर्माता मंजू भारती और अभिनेता मुकेश जे भारती की फिल्म 'मौसम इकरार के दो पल प्यार के का निर्देशन किया। ये आखिरी फिल्म थी जिसका उन्होंने निर्देशन किया।
