बाराबंकी : चकबन्दी में भारी धांधली से किसान बेहाल, अधिकारियों पर अवैध वसूली और मनमानी का आरोप

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Published By Virendra Pandey
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फतेहपुर, बाराबंकी, अमृत विचार। तहसील फतेहपुर के परगना कुर्सी क्षेत्र के बहरौली गांव की चकबन्दी प्रक्रिया विवादों में घिर चुकी है। ग्रामीणों ने चकबन्दी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय किसानों की उपजाऊ और सड़क से लगी जमीन हटाकर लखनऊ के लोगों की जमीनें डामर रोड से जोड़ दी गईं। कीमती भूमि को टुकड़ों में बांटने के साथ भूखंडों को सड़कों और चकरोड से जोड़ने के लिए अवैध वसूली की जा रही है।

गांव निवासी हरीलाल पाल का आरोप है कि उनकी भूमि चक से बाहर कर दी गई, जबकि प्रार्थना पत्र देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। मुनेश्वर व सहदेव प्रसाद ने बताया कि उनके पेड़ लगे मूल चक से हटाकर दूसरी जगह भेज दिया गया। कांति देवी, राकेश मौर्य व ऋतुराज की सड़क किनारे स्थित जमीन को बदलकर ऐसी जगह दे दी गई जहां कोई रास्ता नहीं है। बनवारी लाल व लाल बहादुर का आरोप है कि उनकी जमीन से मानक से अधिक कटौती कर बाहरी लोगों को दे दी गई। हेमराज, लवकुश, रामस्वरूप, नेकराम, राजाराम समेत कई किसानों की भूमि बिना सूचना के टुकड़ों में काट दी गई या तालाब व जंगल जैसी अनुपयोगी जगह दर्ज कर दी गई।

राम चंद्र के खेत से जबरन रास्ता निकाल दिया गया। श्रीराम, चंद्रशेखर, सुरेश चंद्र समेत कई किसानों की भूमि का रकबा कम हो गया। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारी उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहे, और विरोध करने पर मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी जा रही है। पर्चा 23 तक नहीं दिया गया, और इसके लिए भी मांग सामने रखी जाती है। सहायक चकबन्दी अधिकारी प्रदीप सिंह ने बताया कि प्रक्रिया 70 फीसदी पूरी हो चुकी है, पर्चा 23 बन चुका है और आकार पत्र 41 व 45 बाकी हैं। बार संघ अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद वर्मा ने मांग करते हुए कहा कि सप्ताह में दो दिन चकबन्दी अधिकारी तहसील मुख्यालय पर बैठें ताकि किसानों को कानूनी सहायता मिल सके। वहीं तहसीलदार वैशाली अहलावत ने बताया कि आई हुई शिकायतों की जांच कर रिपोर्ट एडीएम को भेज दी गई है।

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