Bareilly: अब नौकरी खुद करनी होगी पैदा...रटकर नहीं समझकर बने काबिल

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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बरेली, अमृत विचार। पैगाम-ए-इंसानियत की ओर से रविवार को आईएमए हॉल में तालीमी कान्फ्रेंस का आयोजन हुआ। इस मौके पर अलिफ एकेडमी के संस्थापक समीर अहमद सिद्दीकी ने कहा कि हम उस जमाने में कदम रख रहे हैं, जहां नौकरी के दरवाजे बंद हो रहे हैं। 

इसलिए बच्चों को नौकरी खुद पैदा करनी है। उन्होंने छात्रों से कहा कि अब रटने का नहीं बल्कि समझकर सीखने का जमाना है। सोचकर समझकर तालीम हासिल करें। कारोबार करने वाले लोगों को तब ही कामयाबी मिलेगी, जब अपने धंधे में इनोवेशन करेंगे। उन्होंने कहा कि जमाना रोबोट्स का आने वाला है। डॉ. शारिक वदूद ने पैगाम-ए-इंसानियत के समर क्लास के बारे में बताया। कर्नाटक से आए फिजीशियन डॉ. ताहा मतीन ने अध्यक्षता की।

डॉ. मतीन ने छात्रों के सामने शिक्षा के बुनियादी बिंदुओं पर अपनी बात रखी। जहीर अब्बास ने भी विचार रखे। अहमद अजीज, डॉ. अय्यूब अंसारी, जहीन अहमद, सय्यद इकराम हुसैन, सलीम कुरैशी, सुरमा कारोबारी हाजी शवेज हाश्मी आदि मौजूद रहे। मेधावी छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

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