लोहिया संस्थान में दूरबीन से सर्जरी हुई लाइव, डॉक्टरों को किया गया प्रशिक्षित, बोले डॉक्टर- आज के समय में सबसे कारगर
लखनऊ, अमृत विचार: दूरबीन विधि (लैप्रोस्कोपी) से सर्जरी ज्यादा कारगर साबित हो रही है। इसमें ऑपरेशन के दौरान बड़ा चीरा नहीं लगाने की जरूरत होती है। इससे रोगी को जल्द राहत और अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है। यह जानकारी दिल्ली एम्स ट्रामा सर्जरी विभाग के डॉ. अमित गुप्ता ने रविवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित राष्ट्रीय सर्जन और लैप्रोस्कोपी दिवस पर आयोजित कांफ्रेंस में दी।
डॉ. अमित गुप्ता ने कहा कि दुर्घटना के शिकार लोगों के शरीर पर पहले से काफी घाव होते हैं। ऐसे में ओपन सर्जरी से घावों को और खोलना पड़ता है। इन्हें भरने में अधिक समय लग जाता है। जबकि दूरबीन विधि में छोटा चीरा लगाकर सर्जरी की जाती है। इसमें अनावश्यक घाव होने की समस्या नहीं होती है।
केजीएमयू के डॉ. अवनीश कुमार ने दूरबीन विधि से हर्निया की लाइव सर्जरी करके दिखाई। केजीएमयू की ही डॉ. निशा सिंह ने भी इस मौके पर लाइव सर्जरी की। इस मौके पर डॉ. सुनील सिंह, डॉ. रूद्र दमन समेत अन्य डॉक्टर कई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर शामिल हुए। लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने कहा कि जिला अस्पतालों में दूरबीन विधि की सुविधा रोगियों को मिलनी चाहिए। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने की जरूरत है। यह सुविधा शुरू होने से रोगियों को नजदीकी जिला अस्पताल में दूरबीन विधि का लाभ मिलेगा।
