बाराबंकी : चक्रतीर्थ नहीं बना पर बदसूरती में अव्वल धनोखर तालाब

दशक में करोड़ों खर्च नहीं सुधरी तालाब की सूरत, अब तक नहीं हट सका हाईवे पर बना कूड़ाघर
बाराबंकी, अमृत विचार : शहर का हृदयस्थल होने व करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी धनोखर तालाब की सूरत न सुधरी। चक्रतीर्थ बनाने के नाम पर कागजों पर जुबानी जमा खर्च हुआ तो रुपया पानी की तरह बहाया गया, जमकर कमीशनबाजी का खेल हुआ, तालाब की दशा जस की तस। यहां मूर्ति लगने की बात कौन करे, अपेक्षित साफ सफाई तक नहीं हो पा रही। इसके अलावा तालाब के चारों तरफ लाइन से अवैध रूप से लोग वाहन भी खड़े करते हैं। ऐसे में अगर यहां कोई मार्निंग या ईवनिंग वॉक करने आता है, तो गाड़ीयों की कतार देखकर वापस लौट जाता है। यह दशा तब है जब करीब सवा माह पूर्व जायजा लेने पहुंचे डीएम ने तमाम निर्देश दिए थे।
धनोखर तालाब के जीर्णोद्धार का सिलसिला करीब डेढ़ दशक पूर्व शुरु हुआ। प्रस्ताव जाते रहे धन आवंटन होता रहा। अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीते डेढ़ दशक में तालाब के सुंदरीकरण के नाम पर किस कदर और कितना धन खर्च किया जा चुका है। इसके बावजूद तालाब की वर्तमान हालत यह है कि यहां शाम होते ही अराजक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है, करीब ही बने एक खड्ड में पूरे दिन में सैकड़ों लोग लघुशंका करने आते हैं और तो और आस पास रहने वाली आबादी अपने घर का कूड़ा करकट तक यहां फेंकते हैं। दावे तमाम किए गए पर न यहां पर श्री कृष्ण की मूर्ति लगी और न ही फव्वारा चालू रह सका। निर्माण कार्य बदरंग हो गए, रेलिंग उखड़ कर चोरी हो गईं और तो और चारों ओर लगी लाइटें भी ठीक से नहीं जलती। जबकि इस स्थल को सीतापुर के नैमिष स्थल का रूप देने का दंभ भरा गया था। दावे करने वाले एक एक कर किनारे हो गए, अब तालाब की बदसूरत तस्वीर बची है जो इसके जीर्णोद्धार के नाम पर खेल कर गए जनप्रतिनिधियों के दावों की कलई खोल रही है। गत 10 मई को जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने इस स्थल का निरीक्षण किया और तमाम निर्देश दिए पर तालाब की हालत असलियत दिखाने के लिए काफी है।
नहीं हट सका हाईवे पर बना कूड़ाघर
अमृत विचार ने कुछ समय पूर्व प्रकाशित खबर में स्पष्ट किया था कि स्पोर्ट्स स्टेडियम के ठीक बाहर बनाया गया कूड़ाघर नेशनल हाईवे के नियमों के विपरीत है। तब नपाप के ईओ ने इस निर्माण को सही बताया था। डीएम शशांक त्रिपाठी की नजर इस कूड़ाघर पर पड़ी तो उन्होने अवैध निर्माण बताते हुए कूड़ाघर यहां से हटाने के निर्देश दिए। इस निर्देश काे करीब सवा माह बीतने को है पर कूड़ाघर जस का तस खड़ा है। बस यहां पर कूड़ा नहीं फेंका जा रहा। डीएम के निेर्देश का कितना असर होता है यह जाहिर करने के लिए धनोखर तालाब और कूड़ाघर ही काफी है। नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी संजय शुक्ला का कहना है कि स्टेडियम से सटे कूड़ाघर में कूड़ा पड़ना बंद करवा दिया गया है। जल्द ही निर्माण वहां से हटवा दिया जाएगा। रही बात धनोखर तालाब की तो हाल ही में सफाई कराई गई है। नाला साफ करवाया गया, जल्द ही फव्वारा चालू करवाया जाएगा।
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