शाहजहांपुर: हर साल बढ़ रहे HIV मरीज, पुरुषों में संक्रमण दर महिलाओं से दोगुनी
9 साल में हर साल महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में फैला एचआईवी
शाहजहांपुर, अमृत विचार। जिले में एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बीते नौ वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल 365 मरीजों में से 260 पुरुष और 105 महिलाएं एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं, यानी पुरुषों में संक्रमण का प्रतिशत महिलाओं की तुलना में दोगुना से भी अधिक है।
स्वास्थ्य विभाग की लगातार जागरूकता मुहिम के बावजूद 2022 और 2023 में एचआईवी मामलों में अचानक उछाल आया है। विभाग का मानना है कि इसका एक कारण एचआईवी जांच का दायरा बढ़ना भी हो सकता है, लेकिन संक्रमण की रफ्तार और आंकड़े चिंताजनक संकेत दे रहे हैं।
2014 में शुरू हुई जांच, 2023 में 17,000 से ज्यादा लोगों की हुई स्क्रीनिंग
जिले में वर्ष 2015 से एड्स नियंत्रण अभियान के तहत एचआईवी जांच को बढ़ावा देने के लिए जिला अस्पताल और तिलहर सीएचसी में इंट्रीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर की स्थापना की गई। शुरुआती दौर में लोग जांच कराने से संकोच करते थे। 2014 में पहली बार 6,400 लोगों की जांच हुई, जिसमें 19 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए।
2023 में यह आंकड़ा 17,339 तक पहुंच गया, जिसमें 8,888 पुरुष और 8,451 महिलाएं शामिल रहीं। 2024 में जनवरी से अक्टूबर तक ही करीब 17,000 लोगों की जांच हो चुकी है। इसका असर यह रहा कि संक्रमितों की पहचान समय रहते होने लगी और उन्हें एआरटी (एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी) के तहत मुफ्त दवाएं दी जाने लगीं।
महिलाओं में यौन संक्रमण अधिक, फिर भी एचआईवी संक्रमण कम
आईसीटीसी केंद्रों पर हर दिन 50-60 लोग यौन संक्रमण की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। दिलचस्प तथ्य यह है कि जहां महिलाओं में यौन जनित संक्रमण ज्यादा पाया जा रहा है, वहीं एचआईवी संक्रमण पुरुषों में कहीं अधिक है। मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार यौन संक्रमण होने पर एड्स की संभावना 10 गुना बढ़ जाती है, ऐसे में पुरुषों में लगातार बढ़ती संक्रमण दर चिंता का विषय है।
बढ़ती संख्या से चिंता गहराई
हर साल एचआईवी मरीजों की बढ़ती संख्या यह स्पष्ट करती है कि जागरूकता अभियान के बावजूद जोखिम भरे व्यवहार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। यदि यही रफ्तार रही तो आने वाले वर्षों में एचआईवी संक्रमण और एड्स दोनों गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन सकते हैं। जरूरत है ज्यादा संवाद, सुरक्षा और समय पर जांच की, ताकि संक्रमण को जड़ से रोका जा सके और मरीजों को समय पर इलाज मिल सके।
वर्षवार मिले महिला-पुरुष रोगी
वर्ष / मिले कुल रोगी/ पुरुष रोगी/महिला रोगी
2016/ 22/ 14/ 08
2017/ 39/ 26/ 13
2018/ 37/ 28/ 09
2019/ 46/ 35/ 11
2020/ 26/ 19/ 07
2021/ 38/ 30/ 08
2022/ 38/ 27/ 11
2023/ 59/ 44/ 15
2024/ 60/ 37/ 23
कुल/ 365/ 260/ 105
लोगों में एचआईवी के प्रति जागरूकता आए और कम से कम लोग इस रोग का शिकार हों इसके लिए वृहद स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। जहां तक मरीजों की संख्या में वृद्धि होने की बात है तो ऐसा जांच का दायरा बढ़ने के कारण हुआ है, ऐसा माना जा रहा है। - महावीर सिंह, परीक्षण व परामर्श केंद्र प्रभारी
