लखीमपुर खीरी: धौरहरा में पकड़े गए दोनों तेंदुओं की मौत के बाद मचा हड़कंप 

Amrit Vichar Network
Published By Monis Khan
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लखीमपुर खीरी, अमृत विचार। धौरहरा वन रेंज क्षेत्र में मंगलवार को पकड़े गए दोनों तेंदुओं की बुधवार की देर शाम मौत हो गई। इससे वन महकमे में हड़कंप मच गया है। वहीं ग्रामीणों को अब कार्रवाई का डर भी सताने लगा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पांच साल के नर तेंदुए की मौत चोटों के आने से बताई गई है। वहीं दस माह के तेंदुए के अंदरूनी अंगों के काम न करने से मौत होने की वजह सामने आई है। पांच साल के तेंदुए ने मंगलवार को जटपुरा गन्ना के पास वन दरोगा समेत पांच लोगों को घायल कर दिया था। पोस्टमार्टम के बाद दोनों तेंदुओं का वन रेंज परिसर में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।

धौरहरा वन रेंज के जटपुरवा गन्ना सेंटर के पास मंगलवार की सुबह एक बीमार तेंदुआ सड़क पर घूम रहा था, जिसे देखकर ग्रामीणों ने सेल्फी ली। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम उसे जाल से पकड़ने के बाद वन रेंज लाई ही थी। जहां इलाज शुरू किया गया था। उधर दूसरे पांच साल के नर तेदुएं ने बबुरी भट्ठे पर एक युवक पर हमला कर दिया था। युवक को बचाने के लिए ग्रामीणों ने ईटों से तेंदुए पर पथराव किया था, जिससे जिससे तेंदुआ घायल हो गया। इसके बाद क्षेत्रीय वनाधिकारी नृपेंद्र चतुर्वेदी, सहित वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची तो केले के खेत में छिपे तेंदुए ने टीम पर भी हमला कर दिया। 

जिससे रेंजर सहित वन दरोगा राजेश दीक्षित और पीआरवी सिपाही और एक ग्रामीण घायल हो गया। इसके आधे घंटे बाद पहुंची विशेषज्ञ टीम ने तेंदुए को ट्रैक्यूलाइज कर पकड़ वन रेंज लाई थी। जहां विभागीय डॉक्टर दयाशंकर ने दोनों तेंदुओं का इलाज शुरू किया, लेकिन देर शाम दोनों तेंदुओं की मौत हो गई। दुधवा टाइगर रिजर्व के एफडी डॉ. एच राजा मोहन ने बताया बीमार तेंदुआ की उम्र दस माह थी। इसके अंदरूनी अंग खराब हो गए थे, जबकि दूसरा नर तेंदुआ पांच साल का था। जिसकी चोटें लगने से मौत हुई है। डॉ. दयाशंकर की टीम ने पोस्टमार्टम किया है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की नियमावली के तहत दोनों के शवों का अंतिम संस्कार किया गया है।

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