कुशीनगर: समितियों पर नहीं है खाद, चक्कर लगाने को मजबूर किसान

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Published By Deepak Mishra
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कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में धान की रोपाई युद्ध स्तर पर चल रही है। ऐसे में समितियों से खाद का गायब होना, किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। किसान खाद के लिए मारामारी कर रहे हैं। विभाग अब तक सिर्फ 50 फीसदी समितियों को ही खाद उपलब्ध कराने में सफल हो पाया है। 

जनपद में कुल 145 साधन सहकारी समितियां स्थापित है। इनके माध्यम से किसानों में खाद का वितरण होता है। खरीफ के सीजन में धान की रोपाई करने में किसान युद्ध स्तर पर जुटे हुए हैं। उसमें डालने के लिए डीएपी और यूरिया के लिए किसान समितियों का चक्कर लगा रहे हैं। 

विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में खाद न होने का सिर्फ 50 फीसदी समितियों को खाद उपलब्ध कराने में ही सफल हो सका है। मौजूदा समय में सिर्फ 85 समितियों के पास खाद उपलब्ध है। अन्य समितियां खाद के लिए विभाग की ओर किसान टकटकी लगाए बैठे हैं। 

विभाग रोस्टर के अनुसार समितियों को खाद मुहैया करा रहा है। ऐसे में किसानों को खाद के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। डीएम के पत्र लिखने पर जनपद को 2 दिन के अंदर एक रैक खाद मिलने वाली है। इसके बाद काफी हद तक किसानों को खाद मिलने की संभावना है। 

शनिवार को जिले की समितियों की पड़ताल में यह बात सामने आयी। किसान धान की रोपाई में जी जान से जुटे हुए है। लेकिन क्षेत्र के अधिकतर समितियों पर खाद नहीं होने से किसान धान की रोपाई को लेकर चिन्तित हैं। फाजिलनगर स्थित पीसीएफ केन्द्र से काफी किसान खाद ले जाते हैंए लेकिन यहां विगत एक सप्ताह से खाद उपलब्ध नहीं है। 

इस तरह साधन सहकारी समिति पिपरा रज्जब, भठही, सोहग आदि समितियों पर खाद उपलब्ध नहीं हैए जबकि साधन सहकारी समिति धौरहरा, धुनवालिया में उर्वरक उपलब्ध है। पीसीएफ खाद केन्द्र के प्रभारी हरिहर मौर्या ने बताया कि एक सप्ताह पूर्व तक खाद केन्द्र पर उपलब्ध था। खाद के लिए मांग भेजी गयी है लेकिन अभी नहीं पहुंची है। 

वहीं साधन सहकारी समिति पिपरा रज्जब के अध्यक्ष बैरिस्टर यादव ने बताया कि गोदाम की छत खराब हो गयी है जिससे उसमें बारिश का पानी भर जाता है। उसे ठीक कराने के लिए विभाग को लिखा गया है। उसके ठीक होने के बाद ही खाद मंगायी जायेगी। समउर बाजार के राज मथवली व पुरैना कटेया समिति पर एनपीके, बीस बीस जीरो व यूरिया खाद उपलब्ध है। 

मंगुरी पट्टी समिति पर दो दिन पूर्व तक खाद का वितरण किया गया है। राज मथवली व पुरैना कटेया समिति के सचिव पप्पू सिंह ने बताया कि दोनों समितियों पर खाद का स्टॉक मौजूद है। फिर भी पुनः खाद के लिए डिमांड भेज दी गयी है। आज से कल तक खाद की खेप आ जाएगी। 

मंगुरी पट्टी के सचिव राकेश लाल श्रीवास्तव ने बताया कि समिति पर दो दिन पूर्व तक खाद का वितरण किया गया है। खाद के लिए डिमांड भेज दी गयी है। शीघ्र ही समिति पर खाद आ जाएगी। क्षेत्र के किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। 

सुकरौली ब्लाक के साधन सहकारी गिदहा, ऊसाधन सहकारी समिति ठूठी, साधन सहकारी समिति पिपरही, साधन सहकारी समिति मिश्रौली पर शनिवार को फास्फेटिक खाद न होने से किसान खाद के लिए दर दर भटक रहे है। जबकि धान की रोपाई कार्य तेजी से चल रहा है। अहम मौके पर सुकरौली क्षेत्र की साधन सहकारी समितियों से फास्फेटिक खाद गायब है। 

ब्लॉक के साधन सहकारी समिति गिदहा, विशुनपुर, मिश्रौली, पिपरही में खाद के अभाव में गोदाम पर ताला लटक रहा है। खाद लेने पहुंचे क्षेत्र के किसानों ने बताया कि सरकारी गोदामों पर फास्फेटिक खाद नहीं होने पर प्राइवेट दुकानों से मनमाने दामों पर फास्फेटिक खाद लेने को विवश है। 

इस संबंध में साधान सहकारी समितियों के प्रभारियों ने बताया कि सौ बोरी फास्फेटिक खाद मिली थी, जिसे किसानों में वितरित कर दिया गया है। खड्डा क्षेत्र में दस सहकारी समितियां है जिसमें सिर्फ एक ही समिति मठिया पर खाद उपलब्ध है। वह भी कम मात्रा में उपलब्ध है। अन्य सहकारी समितियों में ताला लगा है। इससे धान की रोपाई के समय में किसान प्राइवेट दुकानों से अधिक मूल्य पर खाद खरीदने के लिए मजबूर हैं। 

शनिवार को पड़ताल में बंजारी पट्टी, सिसवा गोपालएकरदह, छितौनी, पडरही, रामपुर बांगर, भुजौली सरकारी समिति खाद के अभाव में बन्द रही। वहीं भैंसहा की समिति लगभग ढाई साल से बन्द है। सिर्फ मठिया समिति पर ही सीमित मात्रा में खाद उपलब्ध है। सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध नहीं होने से किसानों को खाद के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है।  

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