पीलीभीत: 2.69 अरब के प्रस्तावित धनाराघाट पुल के निर्माण में अटका रोड़ा

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Published By Monis Khan
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पीलीभीत, अमृत विचार। ट्रांस शारदा क्षेत्र की करीब ढाई लाख आबादी को राहत पहुंचने के लिए शारदा नदी पर प्रस्तावित धनाराघाट पुल के निर्माण की राह में रोड़ा अटक गया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ की बैठक में पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र में वृक्षों के पातन संबंधी प्रस्ताव को अनुमोदन नहीं मिल सका। बताते हैं कि प्रस्ताव में कटान वाले पेड़ों की संख्या अधिक होने के चलते अनुमति नहीं दी गई है। फिलहाल अब शासन स्तर से संशोधित प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

पूरनपुर तहसील के ट्रांस शारदा क्षेत्र में 80 से अधिक गांवों में करीब ढाई लाख आबादी रहती है। आबादी के तहसील मुख्यालय आवागमन के लिए शारदा नदी पर हर साल पैंटून पुल बनाया जाता है। मानसून सीजन के दौरान बाढ़ की आशंका के चलते पैंटून पुल हटा लिया जाता है। करीब तीन से चार माह तक ट्रांस शारदा क्षेत्र का संपर्क तहसील एवं जिला मुख्यालय से कटा रहता है। ऐसे में यहां की आबादी 30 किमी की जगह 130 किमी लंबा चक्कर लगाकर तहसील मुख्यालय तक पहुंच पाती है। शारदा नदी पार क्षेत्र की आबादी करीब दो दशक से नदी पर पक्के पुल की मांग करती आ रही थीं।

केंद्रीय मंत्री एवं पीलीभीत सांसद जितिन प्रसाद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के प्रयास गत वर्ष कैबिनेट में धनाराघाट पुल निर्माण को 2 अरब 69 लाख 29 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। पुल निर्माण के लिए 94.19 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी हो चुकी है। अब सेतु निगम की ओर से कार्य कराया जाना है। कार्यदायी संस्था की ओर से प्लांट भी लगा दिया गया है।

इधर जिस स्थान पर पुल का निर्माण कराया जाना है, वहां पीलीभीत टाइगर रिजर्व का कुछ हिस्सा आड़े आ रहा था। इस पर राजस्व विभाग ने 4.66 एकड़ जमीन लोक निर्माण विभाग को हैंडओवर भी कर दी है। यहां अब सेतु निगम को कार्य करने की अनुमति मिलना बाकी है। करीब तीन माह पूर्व धनाराघाट पर शारदा नदी सेतु पहुंच मार्ग, अतिरिक्त पहुंच मार्ग का निर्माण एवं सुरक्षात्मक कार्य के लिए 0.96 हेक्टेयर आरक्षित वन भूमि के 259 वृक्षों के पातन संबंधी प्रस्ताव तैयार कर वन विभाग को भेजा गया था। उस दौरान माना जा रहा था कि भेजे गए प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी और प्रस्तावित पुल का निर्माण कार्य तेजी से शुरू करा दिया जाएगा। मगर प्रस्तावित धनाराघाट पुल निर्माण की राह में रोड़ा अटक गया है।

दरअसल, पिछले दिनों मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में स्टेट बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ की बैठक हुई थी। इसमें प्रस्तावित धनाराघाट पुल निर्माण के लिए वन्यजीव क्लीयरेंस संबंधी प्रस्ताव भी रखा गया, मगर प्रस्ताव को अनुमोदन नहीं मिल सका। बताते हैं कि प्रस्ताव में अधिक वृक्षों का पातन शामिल होने के कारण प्रस्ताव पर अनुमोदन नहीं दिया गया। फिलहाल अब शासन स्तर से संशोधित प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इधर सेतु निगम के अभियंताओं का कहना है कि प्रस्ताव को अनुमोदन न मिलने की जानकारी है। अब जल्द ही संशोधित प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा।

धनाराघाट पर बनेगा 3.287 किमी लंबा पुल
पूरनपुर-धौरी-कंचनपुर मार्ग पर धनारा घाट पर बनने वाले मुख्य पुल की लंबाई 3.287 किमी होगी। वहीं पहुंच मार्ग भाग की लंबाई 200-200 मीटर रहेगी। धनाराघाट पुल बन जाने से पूरनपुर तहसील के हजारा, भरतपुर, अशोकनगर, अयोध्यापुरी, चंदननगर, लक्ष्मणनगर, नेहरूनगर, रामनगर, विनोवानगर, राघवपुरी, धर्मपुरी समेत 80 से अधिक गांवों के ग्रामीणों की राह आसान हो सकेगी। इसके साथ ही लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर, पलिया आने-जाने वालों को कम दूरी तय करनी होगी।

एसडीओ, सेतु निगम -आशीष निरवाल ने बताया कि धनाराघाट पर शारदा नदी सेतु निर्माण के लिए लखीमपुर वन विभाग की ओर से एनओसी मिल चुकी है। पीलीभीत वन विभाग की ओर से एनओसी न मिलने की जानकारी मिली है। हालांकि इसको लेकर अभी कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। जल्द ही संशोधित प्रस्ताव तैयार कर भेजा जाएगा। 

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