जमकर बरसे मेघा, खिल गए चेहरे पूरी हुई मुराद : बारिश के मिश्रित रूप से उमस के तेवर पड़े ठंडे

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Published By Vinay Shukla
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लबालब हुए इलाके, टहनीे गिरने से आवागमन बाधित 

बाराबंकी, अमृत विचार : रविवार को दोपहर बाद आसमान पर उमड़े बादलों ने आखिरकार बाराबंकी शहर व ग्रामीण इलाकों के मन की मुराद पूरी कर दी। हालांकि शहर में जोरदार बारिश तो नहीं हुई पर सुबह से बना उमस का कब्जा हट गया। पानी बरसने का मजा बड़ों ही नहीं बच्चों ने भी लिया, वहीं किसानों के चेहरों पर छाई मायूसी कुछ हद तक दूर हुई। मौसम विभाग ने तेज बारिश के आसार जताए हैं।   

लंबे समय से जोरदार बारिश की उम्मीद बांधे लोगों को अब तक मायूसी ही हाथ आई थी, भीषण गर्मी व उमस से बेहाल नगरवासियों को मौसम की बेरुखी खासी अखर गई। इस बीच रविवार की दोपहर कुछ अलग ही रही। उमस से परेशान लोगों को बादलों ने निराश न करते हुए रिमझिम पानी बरसाया। जिससे धरती तो तर हुई ही, बड़ों व बच्चों के चेहरे खिल गए। रविवार होने की वजह से हर किसी ने बदले मौसम का मजा लिया। पारा अचानक लुढ़क कर 33 डिग्री पर पहुंच गया। उधर ग्रामीण इलाकों में भी बारिश ने ठीकठाक हाजिरी दर्ज कराई। कहीं कम ताे कहीं ज्यादा पर बारिश ने सबको तर कर दिया। मौसम खुशनुमा होने से आमजन ने राहत की सांस ली।

तहसील क्षेत्र में अचानक शुरू हुई झमाझम बारिश से लोगों को उमस भरी गर्मी से निजात मिली। रविवार सुबह से बादलों की लुका छुपी के बाद दोपहर में एकाएक काले बादल छाए और बरसात शुरू हो गयी। करीब दो घण्टे तक जोरदार बारिश के चलते सड़क मार्गो पर पानी बहता दिखा वहीं इस दौरान मार्गो पर सन्नाटा पसरा रहा। नौजवान व बच्चे बारिश में अटखेलियां करते दिखे। किसानों का कहना है कि धान रोपाई के लिए खेतों में इंजन बोरिंग के द्वारा पानी लगाने से अधिक लागत लग रही थी। बारिश होने से किसानों को काफी राहत मिली है। मानसून आ जाने से फसलों में लगने वाली लागत की भी भरपाई की उम्मीद जग गयी है। बारिश के दौरान रानीबाजार त्रिलोकपुर मार्ग पर पेड़ की टहनी गिर जाने से आवागमन भी बाधित रहा। बारिश के समय विद्युत आपूर्ति भी ठप रही।

कुदरत ने समझी किसान की पीड़ा 
खेत की ओर रुख कर रहे किसान को कुदरती पानी न मिलने पर बोरिंग का सहारा लेना पड़ रहा था, जबकि बोरिंग सीमित मात्रा में ही पानी उपलब्ध करवा सका। उस पर डीजल खर्च अलग से। नहरों की पहुंच हर जगह तक न होने से किसान हाथ बांधे बैठा रहा। किसान को जोरदार बारिश की दरकार थी जो रविवार की दोपहर बाद पूरी होती दिखी। अब उसे धान की रोपाई के लिए किसी के आश्रित कम ही रहना पड़ेगा। रामनगर के कृषक सूर्यभान ने बताया कि बारिश ठीक हुई है हालांकि यह काफी नही है। इसके बावजूद रोपाई को थोड़ा सहारा मिल जाएगा।

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