लखनऊ : केंद्रीय योजनाओं में बिना बिल नहीं मिलेगा बजट
लखनऊ, अमृत विचार। भारत सरकार की योजनाओं के बजट आवंटन में नए मानक से खलबली मची हुई है। अब कार्यदायी संस्था की ओर से बिल प्रस्तुत करने के बाद ही धनराशि मिलेगी। इस एसएनए स्पर्श प्रणाली के लागू होने से योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। इसे लेकर सोमवार को कार्यशाला में भारत सरकार के अधिकारी बजट आवंटन की इस नई व्यवस्था के बारे में विभागीय अधिकारियों को विस्तार से बताएंगे।
वित्त विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भारत सरकार की 67 योजनाओं में से 28 योजनाओं के बजट आवंटन में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। शेष 39 योजनाओं में जल्द ही व्यवस्था लागू होनी है, जिसके लिए सोमवार को लखनऊ में कार्यशाला आयोजित की गई है।
भारत सरकार की एसएनए स्पर्श प्रणाली के तहत केंद्र प्रायोजित योजनाओं की धनराशि सही समय पर ही विभागों को हस्तांतरित की जाएगी। इसका उद्देश्य योजनाओं के कार्यान्वयन में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। नई व्यवस्था से केंद्रीय योजनाओं में विकास कार्यों का बजट विभागों के खाते में अनावश्यक नहीं पड़ा रहेगा। काम करने वाली कार्यदायी संस्था द्वारा बिल प्रस्तुत किए जाने पर ही धनराशि देने का नियम लागू किया गया है। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में वित्तीय अनुशासन के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार के खजाने में हर समय अच्छी खासी धनराशि बनी रहेगी।
अब तक योजनाओं की धनराशि पहले ही केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संबंधित विभाग को दे दिए जाने की व्यवस्था रही है। जिससे काम नहीं होने की दशा में धनराशि अनावश्यक रूप से विभागों के खाते में पड़ी रहती थी। जैसे-जैसे कार्य होता है कार्यदायी संस्था के बिल के आधार पर विभाग भुगतान करते रहे हैं।
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