सड़क दुर्घटनाओं में 50 फीसदी कमी लाना लक्ष्य नहीं, नैतिक अभियान : परिवहन आयुक्त
लखनऊ, अमृत विचार: परिवहन आयुक्त बी एन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 50 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं की कमी का निर्धारित लक्ष्य, “प्रशासनिक नहीं, नैतिक अभियान” है। इसे विजन 2030 के तहत प्रदेश में फाइव ई अर्थात एजुकेशन, इनफोर्समेंट, इंजीनियरिंग, इमरजेंसी और इंस्टीट्यूशनल स्ट्रेंन्थिंग को मिशन मोड में लागू किया जाएगा।
परिवहन आयुक्त, रविवार को सरोजनीनगर स्थित एक निजी होटल में राष्ट्रीय संभागीय निरीक्षक सम्मेलन के समापन अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने देशभर से आए परिवहन विभाग के तकनीकी अधिकारी, विभिन्न राज्यों के परिवहन आयुक्तों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि आप वे अधिकारी हैं जो तकनीक और ज़मीन की सच्चाई के बीच पुल बनाते हैं। आप न केवल ट्रायल, फिटनेस, एटीएस और प्रवर्तन की निगरानी करते हैं, बल्कि नीति निर्माण और सुधार में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
बी एन सिंह ने कहा कि वर्तमान परिवहन प्रणाली अब डाटा और एल्गोरिदम आधारित हो चुकी है। सारथी, वाहन, ई चालान, आईआरएडी, ई डीएआ जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म वर्तमान में नागरिक सेवा और प्रवर्तन का आधार बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटैलीजेंस आधारित चैटबॉट, सीएससी नेटवर्क और फेसलेस सेवाओं का विभाग को लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के मानकों के अनुसार उप्र. में 250 से अधिक डिजिटल प्लेटफार्म विकसित किए जा रहे हैं और हर जिले में तीन एटीएस की स्थापना का लक्ष्य है। इन सभी में निष्पक्ष संचालन व पारदर्शिता के लिए संभागीय निरीक्षकों की निगरानी अपरिहार्य है।
भविष्य की दिशा पर बोलते हुए परिवहन आयुक्त ने कहा कि संभागीय निरीक्षक अब सिर्फ निरीक्षक नहीं बल्कि डिजिटल सिस्टम के संरक्षक और नीतिगत सुधारों के प्रस्तावक होंगे। उन्होंने कहा कि जहाँ अधिकार होता है वहां ज़िम्मेदारी और जवाबदेही भी होती है। यदि किसी भी स्तर पर तकनीकी पद का दुरुपयोग, पक्षपात या अनैतिक व्यवहार सामने आता है, तो वह पूरे सिस्टम की वैधता को प्रभावित करता है। उन्होंने सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे समाज और शासन के विश्वास को बनाए रखते हुए उच्च नैतिक मानदंडों का पालन करें और सड़क सुरक्षा मिशन को सफल बनाएं।
ये भी पढ़े : कही तार टूटे तो कही हुआ शार्ट सर्किट, तेज हवा-बारिश से गुल कई इलाकों की बिजली, सप्लाई बाधित
