विलुप्त हो रही 106 किस्म के पौधों का संरक्षण : 176 पंचायतों को मिलेंगे पौधे, 14 लाख से अधिक पौधों का होगा रोपण

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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बाराबंकी, अमृत विचार : देवा रेंज की शाहपुर स्थित ग्वारी नर्सरी में विलुप्त हो रही पौध प्रजातियों का संरक्षण किया जा रहा है। वन विभाग ने यहां 106 किस्म के औषधीय, फलदार, छायादार, शोभाकार और काष्ठीय पौधों की पौध तैयार की है। वन क्षेत्राधिकारी मयंक सिंह के अनुसार, देवा रेंज में कुल छह नर्सरी हैं।

शाहपुर ग्वारी नर्सरी में लसोहड़, बड़हल, गूलर, अमलतास जैसे पारंपरिक वृक्षों की पौध तैयार की गई है। साथ ही सतावर, आंवला, श्यामा तुलसी, रामा तुलसी जैसी दुर्लभ औषधीय पौधों की किस्में भी उगाई जा रही हैं। नर्सरी में शोभाकार पौधों में फाइकस, कनेर, बोगनवेलिया, गुलाब और चांदनी की प्रजातियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। शाहपुर नर्सरी में 6.82 लाख पौधे तैयार हैं।

रेंज की अन्य नर्सरियों में उदउतपुर में 1.42 लाख, देवगांव में 1.07 लाख, इनायतपुर में 2.12 लाख, अलीनगर में 1.80 लाख और टिकरिया में 1.60 लाख पौधे तैयार किए गए हैं। वन विभाग की योजना के तहत 30 स्थानों पर पौधरोपण होगा। 176 पंचायतों को औसतन 1,823 पौधों की दर से वितरण किया जा रहा है। भाजपा देवा मंडल अध्यक्ष अरविंद कुमार बबलू ने बताया कि वन महोत्सव के दौरान प्रत्येक बूथ पर दस फलदार और छायादार पौधे लगाए जाएंगे।

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