उन्नाव में ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई का पोस्टर हटाए जाने पर शुरू हुआ विवाद, मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद ने जताई आपत्ति

Amrit Vichar Network
Published By Muskan Dixit
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उन्नाव, अमृत विचारः उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के मौरावां कस्बे में ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का पोस्टर लगने के बाद हंगामा मच गया। स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद पुलिस ने हस्तक्षेप कर पोस्टर हटवा दिया। मुस्लिम संगठनों, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड और मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद ने इस कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त की है।

उन्नाव पुलिस के अनुसार, मौरावां कस्बे के सैय्यदबाड़ा मोहल्ले में दो स्थानीय लोगों ने अपने घर की दीवार पर खामेनेई का पोस्टर लगाया था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों व्यक्तियों से बातचीत कर पोस्टर हटाने को कहा। दोनों ने सहयोग करते हुए पोस्टर स्वयं हटा लिया।

उन्नाव पुलिस ने 'एक्स' पर लिखा, "मौरावां थाना क्षेत्र के सैय्यदबाड़ा मोहल्ले में दो व्यक्तियों ने अपने घर की दीवार पर ईरान के नेता का पोस्टर लगाया था। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर उनसे पोस्टर हटाने का अनुरोध किया, जिसके बाद दोनों ने पोस्टर हटा लिया।"

पुलिस ने अनुसार पोस्टर लगाने वाले लोगों से अनुरोध किया गया की पोस्टर हटा दिया जाए। इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। अभी स्थिति पूरी तरह सामान्य है और कोई भी तनाव नहीं है।

खामेनेई की पोस्टर हटाए जाने पर बोर्ड का फूटा गुस्सा 

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना याकूब अब्बास ने बयान जारी कर कहा, "देश के कई हिस्सों, खासकर उत्तर प्रदेश में, अयातुल्ला खामेनेई की तस्वीरें हटाई जा रही हैं। मैं बोर्ड की ओर से इसकी कड़ी निंदा करता हूं। मैं केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से उन अधिकारियों को निलंबित करने की मांग करता हूं, जिन्होंने खामेनेई के पोस्टर हटवाए।"

उन्होंने आगे कहा, "भारत और ईरान के बीच पुराने संबंध हैं। कुछ शरारती तत्व इन रिश्तों में खटास डालने की कोशिश कर रहे हैं। अगर भविष्य में खामेनेई का कोई पोस्टर हटाया गया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"

मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष और शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने भी पोस्टर हटाए जाने की निंदा की। उन्होंने कहा, "हम अयातुल्ला खामेनेई की तस्वीरें उनकी धार्मिक नेतृत्व की भूमिका के कारण लगाते हैं, न कि राजनीतिक कारणों से। हम आगे भी ऐसा करेंगे, चाहे प्रशासन कोई भी कदम उठाए। अगर सरकार की नीति यह है कि खामेनेई और अयातुल्ला सीस्तानी की तस्वीरें नहीं लगाई जा सकतीं, तो क्या यह घोषणा कर दी जाए कि भारत में अब इजराइल के नेतन्याहू की सरकार चल रही है, न कि भारत की?"

उन्होंने चेतावनी दी, "सरकार को इजराइल के प्रति अपने झुकाव को इतना बढ़ाने की जरूरत नहीं कि भारत को इसका नुकसान उठाना पड़े। क्या भारत सरकार ईरान के साथ अपने संबंध खत्म करना चाहती है? अगर ऐसा है, तो सरकार इसे स्पष्ट करे। हम अपने धार्मिक नेताओं की तस्वीरें हर हाल में लगाएंगे। अगर प्रशासन ने अब इन्हें हटाने की कोशिश की, तो हम सड़कों पर उतरकर विरोध करेंगे।"

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