बदायूं: जिले के 140 स्कूलों का वजूद हुआ समाप्त, बदला नाम और पता

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Published By Monis Khan
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बदायूं, अमृत विचार। जिले में कम नामांकन वाले 140 स्कूलों का मंगलवार से वजूद खत्म हो गया। इन नाम और पता बदल गए। इन सभी को दूसरे स्कूलों में मर्ज कर दिया गया। स्कूल खुलने पर बच्चे पढाई करने नहीं जा सके। शिक्षक और गांव वाले स्कूल बंद किए जाने का विरोध कर रहे हैं। स्कूल मर्ज किए जाने को लेकर बीएसए ने आदेश जारी किया है। जिसमें शिक्षकों के लिए अभिभावकों को संतुष्ट कर बच्चों को नजदीकी स्कूलों में पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है।

ग्रामीण आंचल में नौनिहालों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में तीन सौ मीटर की दूरी पर प्राइमरी व उच्च प्राइमरी स्कूल खोले गए थे। लेकिन इन स्कूलों में तमाम असमानताएं थी। शैक्षिक स्तर को बढ़ाने को परिषद ने छात्र-शिक्षक अनुपात भी तय किया है। उसी के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्तियां होती हैं, लेकिन इधर काफी समय से छात्रों की संख्या में कमी आई। लगातार कम होते नामांकन को देख शासन ने ऐसे स्कूलों को मर्ज करने की नीति बनाई। बीएसए वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 140 स्कूल मर्ज किए हैं। इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए अभिभावकों को संतुष्ट कर बच्चों को नजदीकी स्कूलों में पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है।


इस नीति के तहत जनपद में 176 स्कूलों को चिन्हित किया था। स्कूल का नाम सूची में शामिल होने पर शिक्षक बच्चों की संख्या बढ़ाने के प्रयास करने लगे। जिसमें 36 स्कूलों के शिक्षक सफल हो गए। इन स्कूलों के शिक्षकों ने बच्चों की संख्या 50 से अधिक कर ली। लेकिन 140 स्कूल बच्चों की संख्या बढ़ाने पर कामयाब नहीं हो सके। इसके बाद बीएसए ने इन स्कूलों को नजदीक के स्कूलों में मर्ज कर दिया। इन स्कूलों के बच्चे नजदीकी दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किए जा रहे हैं। इसके साथ ही शिक्षा विभाग इन स्कूलों के शिक्षक की दूसरे स्कूलों में तैनात करने की तैयारी कर रहा है।

 

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