मुरादाबाद : एक साल में बर्थ एस्फिक्सिया से 110 बच्चों की थम गई सांसें
गर्भावस्था के दौरान बरती गई लापरवाही से परेशानी उठा रहीं महिलाएं
मुरादाबाद, अमृत विचार। हर घर में नए मेहमान के आने से खुशियों में चार चांद लग जाते हैं लेकिन थोड़ी सी शिथिलता से इन खुशियों पर ग्रहण लग रहा है। जिला महिला अस्पताल की एसएनसीयू के आंकड़ों पर नजर डालें तो एक साल में 110 नवजातों की सांसें थम गईं। यह आंकड़ा सिर्फ जिला महिला अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों का ही नहीं बल्कि पूरे जिले का है, जिनमें बर्थ एस्फिक्सिया की पुष्टि हुई।
यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें जन्म के समय शिशु सांस नहीं ले पाता या रोता नहीं है। दरअसल, मस्तिष्क तक ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण यह समस्या होती है। जन्म लेते ही दुनिया से कूच करने वाले इन शिशुओं में अधिकांश बच्चे वे थे, जो रेफर होकर जिला महिला अस्पताल पहुंचे। पिडियाट्रिशियन डॉ. अंशु माली ने बताया कि साल भर में 3-4 बच्चों के बर्थ एस्फिक्सिया के मामले आते हैं, जिनका जन्म जिला महिला अस्पताल में ही होता है। मृत्यु दर उनकी शिशुओं की बढ़ी हुई है जो गंभीर हालत में अन्य जिलों, स्वास्थ्य केंद्रों और ग्रामीण क्षेत्र से रेफर होकर अस्पताल आते हैं। कुछ बच्चों की जान तो बचा ली जाती है लेकिन आसानी से प्रसव न होने की वजह से वे मंद बुद्धि या दिव्यांगता के साथ पैदा होते हैं। तब भी वह दुखदायी ही होता है।
नवजात सांस नहीं ले पाता या रोता नहीं
जन्म लेने के बाद अगर बच्चा नहीं रोता है तो उसे उल्टा करके शरीर के निचले हिस्से व कमर पर हल्के हाथों से थपथपाया जाता है, जिससे बच्चा रोए। अगर बच्चा नहीं रोता तो उसे ही बर्थ एस्फिक्सिया कहा जाता है। इस स्थिति में बच्चे के मस्तिष्क तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है। सी-पैप से ऑक्सीजन देने का प्रयास किया जाता है लेकिन कुछ ऑक्सीजन न मिलने से बच्चे की जान चली जाती है।
ब्लडप्रेशर होने पर बढ़ता है खतरा
जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. निर्मला पाठक ने बताया कि ऐसे बच्चे खुद बीमार नहीं होते। कई बार गर्भधारण करने के बाद महिलाएं समय-समय पर जांच कराने में लापरवाही करती हैं, जिस वजह से यह दिक्कत हो जाती है। वहीं, गर्भावस्था के दौरान अगर महिला ब्लडप्रेशर से ग्रसित है तो जन्म लेने वाले बच्चे में बर्थ एस्फिक्सिया होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा समय से पहले प्रसव होना, मां की उम्र कम होना, बच्चा उल्टा पैदा, जुड़वा बच्चों में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।
ये भी पढ़ें - मुरादाबाद: इब्राहिमपुर टोल प्लाजा पर ट्रक ने टेंपो को रौंदा...आंवला के दंपति की दर्दनाक मौत
